Dhaula Kuan Name History: राजधानी दिल्ली से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां, भयंकर सड़क हादसे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई है. जबकि उनकी पत्नी समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. यह सड़क दुर्घटना धौला कुआं में रविवार दोपहर को हुआ, जब एक तेज रफ्तार BMW कार ने एक बाइक को जोरदार टक्कर मार दी. इस दुर्घटना से हड़कंप मच गया है.
आपको बता दें कि धौला कुआं इलाका दिल्ली का एक बेहद अहम जंक्शन माना जाता है. यह दिल्ली को गुरुग्राम, जयपुर, अजमेर और मुंबई जैसे बड़े शहरों से भी जोड़ता है. इसके साथ ही, दिल्ली और राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (NH-8) को जोड़ने वाली रिंग रोड का एक अहम हिस्सा यहीं से होकर गुजरता है. लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि धौला कुआं का नाम धौला कुआं कैसे पड़ा? आइए जानते हैं.
क्या है नाम के पीछे का रहस्य?
इतिहास पर नज़र डालें तो पहले इस इलाके में एक कुआं था, जो सफ़ेद मिट्टी का बना था. अंदर से देखने पर भी यह कुआं सफ़ेद दिखाई देता था. यही वजह है कि इसे धौला कुआं के नाम से जाना जाने लगा. कहा जाता है कि इस कुएं का निर्माण मुग़ल बादशाह शाह आलम द्वितीय के आदेश पर हुआ था. आज भी उस कुएं का अस्तित्व हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क के पास एक बगीचे में देखा जा सकता है. दिल्लीविकास प्राधिकरण ने इसे सुरक्षित रखने के लिए जाल से ढक दिया है और सिंचाई के लिए यहां एक पंप भी लगाया गया है.
ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम
रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (NH-8) से जुड़े होने के कारण यहां अक्सर ट्रैफ़िक जाम रहता है. इससे निपटने के लिए 1990 और 2000 के दशक में यहाँ एक अनोखा फ्लाईओवर और अंडरपास बनाया गया था, जिसका डिज़ाइन अंग्रेज़ी के अंक 8 से मिलता-जुलता है. तब से, ट्रैफ़िक जाम से काफ़ी राहत मिली है और धौला कुआँ दिल्ली के सबसे व्यस्त लेकिन महत्वपूर्ण परिवहन केंद्रों में से एक बन गया है.
इसके अलावा, धौला कुआं मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह इलाका चाणक्यपुरी और दिल्ली कैंट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों से भी सटा हुआ है.
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