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‘रोते-रोते सो जाती थी, लेकिन …’, Vidya Balan ने किया चौंकाने वाला खुलासा; हर दिन नई उम्मीद कर करती थीं इंतजार

Vidya Balan: फिल्मी दुनिया के कई बड़े सितारे, आज बॉलीवुड में कामयाबी हासिल कर चुके हैं. लेकिन उनका यह फिल्मी सफर बहुत आसान नहीं रहा है. वह आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए काफी कुछ झेला है. विद्या बालन ने भी अपने संघर्ष को याद किया और कई खुलासे भी किए.

By: Preeti Rajput | Published: December 16, 2025 1:26:12 PM IST



Vidya Balan: बॉलीवुड में कई एक्ट्रेसेस हैं जिन्होंने काफी नाम और शोहरत कमाई है. इन हसिनाओं को केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनियाभर में जाना जाता है. इन्हीं एक्ट्रेसेस में से एक विद्या बालन (Vidya Balan) का नाम भी है. इन सभी ने अपने दम पर एक्टिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले विद्या बालन ने काफी रिजेक्शन झेले हैं. यहां तक की लोगों ने उन्हें मनहूस तक कहना शुरु कर दिया था. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज हम बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम हैं. 

विद्या बालन ने याद किए अपने बुरे दिन

विद्या बालन ने अपने सफल बॉलीवुड करियर में शोहरत, दौलत और कामयाबी हासिल की है. लेकिन उनकी शुरुआत भी कुछ आसान नहीं थी. रोड्रिगो कैनेलास के टॉक शो ‘समथिंग बिगर’ में बातचीत के दौरान, एक्ट्रेस ने अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर को याद किया.

“मैंने हार नहीं मानी” – विद्या बालन

उन्होंने अपने करियर की शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए कहा कि “मेरे माता-पिता प्रार्थना करने लगे कि, बस उसकी एक फिल्म चल जाए, भले ही वह एक एक्टर के तौर पर करियर न बना पाए – क्योंकि वे देख सकते थे कि मैं किस तरह का रिजेक्शन और निराशा झेल रही थी. आप जानते हैं, आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुश रहे.” उन्होंने आगे कहा कि “मैंने हार नहीं मानी. मैं रोते-रोते सोती थी, लेकिन फिर अगले दिन उठकर कहती थी, एक और दिन, देखते हैं आज क्या होता है. रिजेक्शन चुभता है. चाहे वह नौकरी का एप्लीकेशन हो, कोई क्रिएटिव काम हो, या कोई रोमांटिक अप्रोच हो, नहीं सुनने पर निराशा हो सकती है”. 

कैसे झेलें रिजेक्शन? 

डॉ. दिव्या श्री के आर, कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट, एस्टर CMI हॉस्पिटल, बेंगलुरु ने कहा, “आज की दुनिया में ‘जीत’ की जटिलता और दौलत, प्रभाव और किस्मत के तालमेल को समझना जरूरी है ताकि हर रिजेक्शन का सही तरह से मूल्यांकन किया जा सके और हमें सही वजह से दोष देने और ज़िम्मेदारी लेने में मदद मिले.” रिजेक्शन अभी भी ज़िंदगी का एक नॉर्मल हिस्सा है, और यह आपकी कीमत तय नहीं करता. 

  • अपनी भावनाओं को स्वीकार करें: दुख, गुस्सा या निराश महसूस करना ठीक है. भावनाओं को दबाने से ठीक होने में रुकावट आ सकती है.
  • फिर से कोशिश करें: रिजेक्शन को पर्सनल नाकामी के तौर पर न देखें. इसके बजाय, इसे सीखने और आगे बढ़ने के मौके के तौर पर देखें.
  • स्थिति को समझने की कोशिश करें: अगर मौका मिले, तो रिजेक्शन के कारणों को समझने की कोशिश करें. क्या उन्होंने कोई फीडबैक दिया? तो उस पर विचार करें.  

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