शाही ठाट-बाट लेकिन अकेले गुजारनी पड़ रही.. बॉलीवुड की किस गर्ल की कहानी ला देगी आपकी आँखों मे आंसू

सोना साहनी सिर्फ "किस गर्ल" नहीं थीं, बल्कि एक ऐसी एक्ट्रेस थीं जिन्होंने अपनी हार्डवर, एक्टिंग और साहस से बॉलीवुड में खास पहचान बनाई. उनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा – एक तरफ सिनेमा की चमक, दूसरी तरफ शाही ज़िंदगी, और फिर संघर्ष..

Published by Anuradha Kashyap

बॉलीवुड की दुनिया में अक्सर कई सारी ऐसी एक्ट्रेस आती और जाती हैं लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो हमेशा के लिए याद रह जाते हैं उन्हें में से एक नाम है सोना साहनी. उन्हें बॉलीवुड में  “किस  गर्ल” कहा जाता है यह नाम उन्हें इसलिए  मिला क्योंकि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में ही एक्टर आई.एस. जौहर के साथ एक किसिंग सीन किया, उस दौर में यह सीन देखकर लोगो के चेहरों का रंग उड़ जाया करता था. इंस्टाग्राम और मीडिया रिपोर्ट के में अक्सर उनकी इस पहचान का जिक्र भी होता था लगभग 30 साल तक एक्टिव रहने वाली सोना साहनी ने अपने पहले ही फिल्म जोहर मसूद इन गोवा से लोगों का ध्यान अपनी और खींच लिया था. 

बॉबी से मिली असली पहचान 

सोना साहनी ने बहुत सारी फिल्मों में काम किया है लेकिन 1973 में आई फिल्म बॉबी ने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पंहुचा दिया. इस फिल्म में उन्होंने ऋषि कपूर की मां का किरदार निभाया था खास बात यह थी कि उस समय उनकी उम्र केवल 26 साल थी, लेकिन उनकी एक्टिंग इतनी ज्यादा मैच्योर थी कि जिसने सबको हैरान कर दिया. इस रोल के बाद उन्हें हिंदी सिनेमा की काफी दमदार एक्ट्रेस के रूप में पहचाना जाने लगा.  बॉबी की सक्सेस ने उनके लिए बड़े-बड़े बैनर और डायरेक्टर्स के लिए दरवाजे खोल दिए. उन्होंने किशोर कुमार,धर्मेंद्र ,राज कपूर, राजकुमार और देवानंद जैसे सुपरस्टार के साथ स्क्रीन पर काम किया. 

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फिल्मी दुनिया से शाही ज़िंदगी तक

अपने करियर पीक पॉइंट पर सोना साहनी की ज़िंदगी में एक बड़ा मोड़ आया, जब उन्होंने शिवेंद्र सिंहजी से शादी की, जो पालीताना स्टेट के ठाकुर साहब थे, शादी के बाद वे “क्वीन मदर ऑफ पालीताना” कहलाने लगीं. एक तरफ फिल्मी ग्लैमर, तो दूसरी तरफ शाही ठाट-बाट – यह बदलाव उनके जीवन को पूरी तरह से बदल देने वाला था.लेकिन किस्मत ने उन्हें काफी बड़ा झटका दिया 1991 उनके पति की मृत्यु हो गई जिसके बाद उनका पारिवारिक रिश्ते भी खराब रहन करने लगे. 

आखिरी फिल्म और पर्सनल लाइफ

पति की मृत्यु होने के बाद उनका जीवन बहुत ज्यादा कठिन रहा, उन्होंने अकेलेपन में फाइनेंशियल चुनौतियों का सामना किया. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी . 1999 में उन्होंने आखिरी फिल्म फूल और आग में काम किया था जिसके बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी इसके बाद वे बड़े पर्दे पर नजर नहीं आई लेकिन उनकी एक्टिंग और हार्ड वर्क की वजह से लोग आज भी उन्हें याद करते हैं उनके बेटे का नाम चेतन है जिन्होंने फिल्म में कार्यर नहीं बनाया बल्कि रेस्टोरेंट बिजनेस में कदम रखा और आज एक सफल बिजनेसमैन है. 

Anuradha Kashyap

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