Shatrughan Sinha Facts: आज एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा अपना जन्मदिन मना रहे हैं और सभी एक्टर्स उनको शुभकामनाएं दे रहे हैं. अपने जीवन और करियर के एक्सपीरिएंस शेयर करते हुए उन्होंने साबित किया कि उन्हें स्क्रीन या मंच पर होने की जरूरत नहीं है, साधारण बातचीत में भी वे सबको मजेदार और रोचक तरीके से बांध सकते हैं. आइए जानते हैं उनसी जुड़ी कुछ रोचक बातें-
शत्रुघ्न ने अपने बचपन और करियर की शुरुआत के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वो पटना से आए और उनके चेहरे पर निशान थे, रंग गहरा था और वो पारंपरिक हीरो जैसी शक्ल के नहीं थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत नेगेटिव रोल्स से की, लेकिन धीरे-धीरे वे ऑन-स्क्रीन हीरो बन गए. उन्होंने ये भी कहा कि हमेशा कम चले हुए रास्ते को चुनना चाहिए और बच्चों को यही सिखाया कि वे सबसे अच्छे से बेहतर या कम से कम बाकी लोगों से अलग साबित हों.
कैसे बने बॉलीवुड के विलेन?
शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड में हीरो बनने का सपना लेकर आए थे, लेकिन करियर की शुरुआत में ही उन्हें कई फिल्मों में विलेन के रूप में काम करना पड़ा. साल 1969 में फिल्म ‘प्यार ही प्यार’ से उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा. अपनी पहली ही फिल्म में विलेन का किरदार निभाना उनके लिए चैलेंजिंग था.
शुरुआती दौर उनके लिए संघर्ष भरा रहा. अपनी पहली फिल्म में उन्होंने विलेन का रोल निभाया, लेकिन उन्हें इसके लिए क्रेडिट तक नहीं मिला. जब शत्रुघ्न पहली बार मुंबई आए, उनका इरादा हीरो बनने का था, लेकिन उनके गाल पर कट का निशान और उनका अलग लुक उन्हें बॉलीवुड का विलेन बना गया.
‘शॉटगन’ और ‘खामोश’ की पहचान
उस समय इंडस्ट्री में हर अभिनेता को उनके नाम के साथ खास उपनाम दिया जाता था. जैसे अमिताभ बच्चन को ‘शहंशाह’, राजेश खन्ना को ‘काका’ कहा जाता था, वैसे ही शत्रुघ्न सिन्हा को फैंस प्यार से ‘शॉटगन’ कहते थे. शत्रुघ्न सिन्हा का फेमस निकनेम “शॉटगन” उन्हें फेमस पत्रकार शोभा डे ने दिया था. शत्रुघ्न ने हीरो के रूप में दर्शकों का दिल जीता, लेकिन जब वे विलेन बने, तो उनके किरदार ने सिनेमाघरों में लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. उनका मशहूर डायलॉग ‘खामोश’ आज भी लोगों की जुबान पर जीवित है.
लाइफ के मजेदार किस्से
चैट शो के दौरान शत्रुघ्न ने कई मजेदार किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने नाम बदलकर ‘शत्रुघ्न’ रखा, तो लोग उसका गलत उच्चारण करते और मजाक उड़ाते थे. उन्होंने अपने चेहरे के कट मार्क के बारे में भी मजाकिया कहानी सुनाई, जिसमें उनकी बेटी सोनाक्षी को ये समझाना मुश्किल था कि उनके चेहरे पर कट कैसे आया.
‘खामोश’ डायलॉग की कहानी
अपने फेमस डायलॉग ‘खामोश’ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भी याद नहीं कि उन्होंने पहली बार ये शब्द कब इस्तेमाल किया था. बाद में ये उनका ट्रेडमार्क बन गया और आज के समय में हर कोई उनके इस डायलॉग का दीवाना है.
मंच पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया
चैट शो में फिल्म वितरक राज बंसल, सौरभ कक्कर और गौतम सेन सहित कई लोग मौजूद थे. कल्चुरिस्ट सुनीप भूतोरिया ने कहा, “राइट सर्कल में पहली बार हमारे पास ऐसे मेहमान आए हैं जिनकी शख्सियत इतनी मजबूत है. उनकी कहानी आम से असाधारण तक का सफर है.”