स्वरा भास्कर अपने खुले और बिंदास अंदाज के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं. हाल ही में उन्होंने बड़ी होती लड़कियों की कई असुविधाओं और परेशानियों पर बेबाक तरीके से बात की. खासकर स्कूल के दिनों में ब्रा पहनने से जुड़ी शर्मिंदगी और महिलाओं के खिलाफ होने वाले मोलेस्टेशन के एक्सपीरिएंस शेयर किए.
स्वरा ने बताया कि जब लड़कियां 11वीं-12वीं क्लास में पहुंचती हैं, तो प्यूबर्टी के कारण उन्हें पहली बार ब्रा पहननी पड़ती है. ये बदलाव उनके लिए काफी चैलेंजिंग होता है. उन्होंने याद करते हुए कहा कि लड़कों को ये जानना बड़ा मजेदार लगता था कि कौन सी लड़की ब्रा पहनने लगी है, जबकि लड़कियों की कोशिश रहती थी कि ये बात सामने न आए. दिल्ली की गर्मी में ब्रा के ऊपर गंजी पहनने जैसी स्थिति लड़कियों के लिए और भी असहज होती थी.
शर्मिंदगी से जूझती लड़कियां
स्वरा ने ये भी बताया कि सैनिटरी नैपकिन जैसी जरूरी चीजें भी खरीदना स्कूल के दिनों में बहुत शर्मिंदगी भरा एक्सपीरिएंस होता था. उन्होंने खुलासा किया कि वे अपने पिताजी को कोडवर्ड लिखकर सामान मंगवाती थीं, क्योंकि सीधे ब्रा या सैनिटरी नैपकिन का जिक्र करना उन्हें असहज लगता था. इस तरह की मानसिकता लड़कियों की निजी जरूरतों को लेकर समाज में मौजूद बंदिशों का आईना है.
लड़कियों की सुरक्षा
स्वरा ने सेफटी की बात करते हुए बताया कि कोई भी माता-पिता अपनी बेटियों को ‘पिन लेकर चलो’ जैसी बातें नहीं सिखाते, बल्कि ये दिल्ली जैसे बड़े शहर की सड़कों पर खुद-ब-खुद सीखना पड़ता है. उन्होंने डीटीसी बसों में सफर की सेफटी की बात करते हुए कहा कि आखिरकार लड़कियां खुद अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लेकर चलना सीख जाती हैं.
मोलेस्टेशन को लेकर स्वरा ने अपने एक्सपीरिएंस शेयर किए. उन्होंने बताया कि एक बार कॉलेज के दिनों में दरियागंज में उनके साथ एक व्यक्ति ने गलत हरकत की, लेकिन वे अपने बॉयफ्रेंड के साथ होने के भरोसे से उसका सामना कर सकीं. इसके अलावा, मुंबई में भी उन्हें कई बार इस तरह की घटनाओं का सामना करना पड़ा, खासकर तब जब वे लोकल ट्रेनों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाती थीं. उन्होंने खुलकर कहा कि बड़े शहरों में लड़कियों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है.

