Red Fort Bomb Blast News: देश की राजधानी दिल्ली में लाल किला के पास 10 नवंबर, 2025 को हुए कार ब्लास्ट में 15 लोगों की जान चली गई, जबकि घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency) इस घटना की जांच कर रहा है. अब तक की जांच में कई आंतकियों और संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके साथ ही आतंकी साजिश की परतें सामने आ रही हैं. अब तक डॉ. शाहीन समेत कई किरदारों की पोल खोल चुकी है. इस स्टोरी में हम बताएंगे कि 6 आतंकियों ने कैसे बुनी लाल किला कार ब्लास्ट की साजिश?
1.उमर
डॉक्टर उमर नबी मोहम्मद- यही पूरा नाम था, जिस आतंकी ने लाल किला पर कार विस्फोट किया था. कार ब्लास्ट करने वाले आतंकी उमर ही युवाओं का ब्रेन वॉश करता था. इसके लिए वह जहरीले वीडियो भी बनाता था. इसमें वह ब्रेन वॉश करने वाले कंटेंट रखता था. साजिश की कड़ी के तहत हरियाणा के नूंह जिले की हिदायत कॉलोनी में आतंकी उमर ने कमरा किराए पर लिया था. उसने अपने आपको कमरे में बंद कर लिया था. वह साजिश के तहत ही उस कमरे से बाहर नहीं निकलता था. यहां तक कि वह नित्य क्रिया भी कमरे में ही करता था. जांच एजेंसी जब कमरे में घुसी तो वहां पर लघु शंका के साथ अन्य गंदगी भी थी. बताया जाता है कि युवाओं का ब्रेन वॉश करने के लिए आतंकी उमर नबी ने 10 दिनों में कई जहरीले वीडियो रिकॉर्ड किए. इसके साथ ही ये वीडियो 11 युवाओं को भेजे. इनमें 7 कश्मीर के हैं. वह इस तरह के वीडियो लगातार तैयार करता था. उसका मकसद युवाओं को बरगलाना था.
2.आमिर
मूलरूप से कश्मीर का रहने वाला आमिर सीधे-सीधे डॉक्टर उमर के संपर्क में था. आमिर का रोल मोड्यूल के लिए लॉजिस्टिक मुहैया करवाना था. जांच में यह भी पता चला है कि आमिर ने ही मोड्यूल के लिए i20 कार का जुगाड़ किया था. इसी कड़ी में पैसे डॉक्टर उमर को दिए थे, जिससे कार खरीदी गई. आमिर का संपर्क जम्मू-कश्मीर के अलावा कई अन्य राज्यों में भी था.
3. डॉक्टर मुजम्मिल
दिल्ली के लाल किला कार ब्लास्ट में डॉक्टर मुजम्मिल की अहम भूमिका थी. पता चला है कि मौलवी इरफान के कहने पर ही बाकी डॉक्टर को इसने ही मोड्यूल से जोड़ा था. डॉक्टर मुजम्मिल का काम भी एक तरह से युवाओं का ब्रेन वॉश करना था. मुजम्मिल ने ही अलफलाह यूनिवर्सिटी के कई युवाओं का ब्रेन वॉश किया था. वह अन्य जगहों पर भी ब्रेन वॉश करता था, जिससे युवा आतंक की ओर बढ़ें.
4. डॉ. निसार
अलफलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा डॉक्टर निसार भी कार ब्लास्ट की साजिश में शामिल था. यूनिवर्सिटी के करीब आधा दर्जन MBBS छात्रों के मोबाइल फोन की जांच की गई तो कई अहम खुलासे हुए. निसार आतंकी और ब्लास्ट करने वाले उमर का ना केवल बेहद करीबी है, बल्कि वह निसार अलफलाह की मेडिसिन डिपार्टमेंट में रेजीडेंट डॉक्टर था. इस दौरान दोनों ही सामान्य तौर पर अक्सर मुलाकात करते थे.
5.डॉक्टर शाहीन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन अलफलाह यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थी. जांच में पता चला है कि वह अपने पेशे की आड़ में आतंक की साजिश रही थी. शाहीन का मुख्य काम मोड्यूल के लिए फंड जुटाना था. वह ऐसे लोगों पर नजर रखती थी, जो बेहद गरीब हो. खासकर वह महिलाओं-लड़कियों को जैश के संगठन जमात-उल-मुमीनात से जोड़ने का काम करती थी. यह भी जानकारी सामने आई है कि मोड्यूल को क़रीब 20 लाख रुपये की फंडिंग शाहीन ने ही की थी. वह फंड जुटाने के काम में पूरी तरह से जुटी हुई थी.
6. जसीर बिलाल वाणी उर्फ दानिश
दानिश का काम ड्रोन बम बनाना था. जसीर बिलाल वाणी यानी दानिश के जिम्मे मोड्यूल के तहत ड्रोन में विस्फोटक बांधकर रिमोट से धमाका करना था. इसके साथ ही उसके जिम्मे मोड्यूल के लिए रॉकेट भी तैयार करना था. यह कुल मिलाकर मोड्यूल का टेक्नीशियन था. दानिश बम बनाने में ट्रेंड था. उसकी बम बनाने की ‘कला’ के चलते ही डॉक्टर उमर ने ही दानिश को मोड्यूल से जोड़ा था.

