देश में कई बार आतंकी हमलों में शामिल मिर्जा शादाब बेग का नाम फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट के अनुसार, बेग ने 2007 में इसी यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई की थी. भास्कर की रिपोर्ट की मानें तो इसी यूनिवर्सिटी से 10 नवंबर को लाल किला के पास ब्लास्ट करने वाला डॉ उमर नबी भी जुड़ा हुआ था. स्पेशल सेल की रिपोर्ट के अनुसार, बेग ने देश में कई ब्लास्ट किए.
जयपुर ब्लास्ट (मई 2008)
बेग ने विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए कर्नाटक के उडुपी का रुख किया. वहां उसने रियाज भटकल और यासीन भटकल को डेटोनेटर और बेयरिंग दिए, जिसका इस्तेमाल IED बनाने में हुआ. इंजीनियरिंग की पढ़ाई होने के कारण वो बम बनाने में माहिर था.
अहमदाबाद-सूरत ब्लास्ट (जुलाई 2008)
बेग धमाके से 15 दिन पहले अहमदाबाद गया था. उसने पूरे शहर की रेकी की और तीन टीमों का निर्माण किया. इसमें बेग ने बम तैयार करना और ट्रेनिंग देना शामिल था.
गोरखपुर ब्लास्ट (2007)
गोरखपुर में हुए सिलसिलेवार धमाकों में भी बेग का नाम सामने आया. इन धमाकों में छह लोग घायल हुए थे. सितंबर 2008 के बाद से बेग देश में फरार है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया. सूत्रों के अनुसार, वो 2019 में अफगानिस्तान में देखा गया था.
दिल्ली ब्लास्ट और अफगानिस्तान का कनेक्शन
बेग नए लोगों को भर्ती करने और रेडिकलाइज करने में भी एक्टिव था. 10 अक्टूबर 2025 को हुए दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार डॉ मुजम्मिल शकील भी अफगानिस्तान गया था. दोनों यूनिवर्सिटी के पासआउट हैं. सिनियर अधिकारी बताते हैं कि 2007 और 2008 में हुए धमाके और हालिया लाल किला धमाके में बेग का कनेक्शन हो सकता है.
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जानकारी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में शुरू हुई थी. 2019 में यहां MBBS प्रोग्राम शुरू हुआ. 2022 में आखिरी बैच पास हुआ और इंजीनियरिंग की पढ़ाई बंद कर दी गई. यूनिवर्सिटी में कश्मीर, मेवात और माइनॉरिटी कम्युनिटी के छात्रों ने अधिक संख्या में दाखिला लिया.
यूनिवर्सिटी पर कानूनी कार्रवाई
ईडी ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया. दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज की हैं. आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने झूठा दावा किया कि उसे NAAC और UGC से मान्यता मिली है. इन झूठे दावों से छात्रों और अभिभावकों को नुकसान हुआ. अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट 1995 में बना था और जवाद अहमद सिद्दीकी इसके चेयरमैन हैं.
गिरफ्तारियां और पूछताछ
अब तक यूनिवर्सिटी से कई लोग गिरफ्तार हुए हैं:
डॉक्टर मुजम्मिल शकील
डॉक्टर शाहीन सईद
मस्जिद के इमाम मौलवी इस्तियाक
डॉक्टर जावेद अहमद सिद्दीकी
लैब असिस्टेंट बाशीद
इलेक्ट्रिशियन शोएब
इसके अलावा 70 से अधिक लोगों से पूछताछ चल रही है. कई अन्य लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है.

