Bihar news: बिहार और खासकर चंपारण की धरती का भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक विशेष स्थान है। यही वह धरती है जहाँ से महात्मा गांधी ने अपना सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था, जिसने देश को आज़ादी की ओर अग्रसर किया और अब इसी ऐतिहासिक धरती से विपक्षी नेता राहुल गांधी ने हाल ही में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में संविधान और सामाजिक न्याय को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री पर राहुल गांधी का तंज(Rahul Gandhi’s taunt on the Prime Minister)
राहुल गांधी ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि वोट चोरी के आरोपों पर वह चुप हैं, जिससे लोकतंत्र में आस्था कमज़ोर हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार बिहार की जनता ने सत्ताधारी दल को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
उन्होंने कहा देश का कोई भी संस्थान ले लीजिए। आपको कहीं भी दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक नहीं मिलेगा। हर उद्योग में मज़बूत लोग हैं। देश में 500 कंपनियाँ हैं। इस वर्ग के कितने लोग हैं? एक गरीब आदमी इलाज के लिए निजी अस्पताल जाता है और लाखों रुपये खर्च होते हैं।
Mohan Bhagwat का बड़ा ‘यू-टर्न’, बोले- ‘न रिटायर होऊंगा, न किसी को रिटायर होने के लिए कहूंगा’
संविधान की एक प्रति दिखाते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार का काम है। अस्पतालों की सूची निकाल लीजिए, इन अस्पतालों के संचालक बड़े घरानों से हैं। इसमें भी आपको कहीं अति पिछड़ा और गरीब नहीं मिलेगा। किसी भी क्षेत्र को देख लीजिए, संविधान के अनुसार समानता नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा “हम जो भी करते हैं, सोच-समझकर करते हैं। जब हमने तेलंगाना में जाति जनगणना करवाई, तो पता चला कि सभी सरकारी ठेकों और अन्य कार्यों में पिछड़े वर्ग के लोग नहीं हैं। ऐसे में आप राजनीति कैसे करेंगे?”
उन्होंने कहा “हम चाहते हैं कि देश में जाति जनगणना हो। एक बार जाति जनगणना हो जाए, तो हम 50 प्रतिशत आरक्षण की इस दीवार को टुकड़े-टुकड़े करके फेंक देंगे। जाति जनगणना विकास का एक नया मॉडल प्रदान करेगी। नफरत की नहीं, प्यार की दुकान होनी चाहिए। हम सबको प्यार से साथ लेकर चलेंगे। सबकी ताकत साथ होगी तो संविधान में लिखी बातें पूरी तरह लागू होंगी। तरक्की के नए द्वार खुलेंगे।”

