Nitish Kumar Oath Ceremony: बिहार में सरकार गठन की कार्रवाई शुरू हो गई है. ऐसे में अब नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना तय है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना है. पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके चौधरी इस बार तारापुर सीट से जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने 202 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल किया है. नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. ऐसे में सम्राट चौधरी का उपमुख्यमंत्री बनना तय है. आइये सम्राट चौधरी के बारे में जानते हैं.
कौन हैं सम्राट चौधरी? (Who is Samrat Choudhary?)
16 नवंबर, 1968 को मुंगेर के लखनपुर गांव में जन्मे सम्राट चौधरी के पिता शकुनि चौधरी छह बार विधायक और सांसद रह चुके हैं. उनकी मां पार्वती देवी तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. स्थानीय स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने मदुरई कामराज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है. अगर उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत की बात करें तो उन्होंने 1990 में राजनीति में कदम रखा. इसके बाद वे राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री बने. 2000 और 2010 में वे परबत्ता निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए. 2010 में वे बिहार विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक भी बने.
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नीतीश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा (Opened front against Nitish Kumar)
भाजपा अध्यक्ष पद पर रहते हुए सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार सरकार का खुलकर विरोध किया था. उस दौरान वे अक्सर पगड़ी पहने नजर आते थे, जो उन्होंने नीतीश कुमार को हटाने के संकल्प के तौर पर पहनी हुई थी. जुलाई 2024 में जब नीतीश भाजपा के साथ गठबंधन में लौटे तो वे बिना पगड़ी के नजर आए.
राजद में फूट डालने की नाकाम कोशिश की थी (There was a failed attempt to create a split in RJD)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये भी जानकारी सामने आ रही है कि सम्राट चौधरी 2014 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में फूट डालने की योजना बना रहे थे. उस समय उन्होंने 13 विधायकों को तोड़कर एक अलग गुट बनाने की योजना बनाई थी. हालांकि बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए. 2 जून 2014 को वे जीतन राम मांझी सरकार में मंत्री बने.
भाजपा में संभाली बड़ी जिम्मेदारी(Held a big responsibility in BJP)
मार्च 2023 में सम्राट चौधरी को संजय जायसवाल की जगह भाजपा का बिहार अध्यक्ष नियुक्त किया गया. चौधरी के चयन का उद्देश्य पार्टी के ओबीसी और विशेष रूप से कोरी/कुशवाहा वोटों को मजबूत करना बताया जा रहा है. 2024 में वे भाजपा विधायक दल के नेता बने और बाद में उप-मुख्यमंत्री का पद संभाला.
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क्या बनेंगे विधानसभा अध्यक्ष? (Will he become the Assembly Speaker?)
पीटीआई भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि दोनों प्रमुख दल भाजपा और जदयू सीटों के बंटवारे के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष पद पर दावा ठोक रहे हैं. उन्होंने बताया कि जदयू के विजय चौधरी और भाजपा के प्रेम कुमार अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के नंद किशोर यादव अध्यक्ष थे, जबकि जदयू के नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष थे.
एनडीए ने जीतीं 202 सीटें (NDA won 202 seats)
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने अप्रत्याशित जीत हासिल करते हुए 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटों पर कब्जा जमाया है. जिसमें बीजेपी 89, जदयू ने 85, लोजपा (रामविलास) ने 19, हम ने 5 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया है.
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