Bihar Chunav: बिहार में चुनावी सरगर्मी चरम पर है. चुनाव आयोग 6 अक्टूबर के बाद किसी भी समय चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. सभी बिहार में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनावी तैयारियों के बीच, सभी का ध्यान सीटों के बंटवारे पर टिका है. इसी संदर्भ में, इस रिपोर्ट में, हम टिकारी (tikari) सीट पर चर्चा करेंगे और इसके इतिहास के बारे में जानेंगे.
बिहार में 38 जिले हैं, जिनमें गया जिला भी शामिल है. गया जिला चार अनुमंडलों और 24 प्रखंडों में विभाजित है, जिसमें दस विधानसभा सीटें शामिल हैं. इनमें गरूआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोधगया (एससी), गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अटारी और वजीरगंज शामिल हैं. टिकारी सीट की बात करें तो यह सीट 2010 के विधानसभा चुनाव में पहली बार अस्तित्व में आई थी. और खास बात यह है कि पिछले तीन चुनावों में से दो पर जेडीयू ने जीत हासिल की है.
टिकारी सीट पर हुए चुनाव नतीजों पर एक नजर-
2010 में जदयू मे मारी बाजी
2010 के बिहार चुनाव में, जदयू के अनिल कुमार ने यह सीट जीती थी. उन्होंने राजद के बागी कुमार वर्मा को 18,541 मतों से हराया था. अनिल कुमार को कुल 67,706 मत मिले थे, जबकि कुमार वर्मा को 49,165 मत मिले थे.
2015 में भी जदयू को मिली विजय
2010 में जीत के बाद अनिल कुमार जेडीयू छोड़कर हम पार्टी में शामिल हो गए और चुनाव लड़े. हालाँकि, इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जेडीयू के अभय कुमार सिन्हा 31,813 वोटों से जीते. सिन्हा को कुल 86,975 वोट मिले, जबकि अनिल कुमार को 55,162 वोटों से संतोष करना पड़ा. अभय सिन्हा वर्तमान में औरंगाबाद सीट से आरजेडी के सांसद हैं.
2020 में अनिल कुमार ने फिर हासिल की जीत
2015 में हारने के बाद, अनिल कुमार ने 2020 के चुनाव में हम के टिकट पर एक बार फिर जीत हासिल की. उन्हें कुल 70,359 वोट मिले. कांग्रेस के सुमंत कुमार 67,729 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. अनिल कुमार बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 के चुनावों में भी कोंच सीट जीती थी.

