Nitish Cabinet: बिहार में एनडीए ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. एनडीए के अलग-अलग घटक दल सरकार बनाने के फॉर्मूले पर विचार विमर्श कर रहे हैं. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि 6 विधायकों पर एक मंत्री वाले प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है और शपथ ग्रहण समारोह (20 नवंबर, 2025) को संभवतः गांधी मैदान में हो सकता है. बिहार चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब अटकलें लगाई जा रही है कि एनडीए सरकार में MY समीकरण दिखाई है. दरअसल हम राजद के MY समीकरण की बात नहीं कर रहे हैं. बल्कि बिहार में चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने “MY” का एक नया फॉर्मूला प्रस्तावित किया था. उसकी बात कर रहे हैं.
क्या है पीएम मोदी के ‘MY’ का मतलब? (What is the meaning of PM Modi’s ‘MY’?)
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में चुनाव के दौरान MY का एक नया फॉर्मूला प्रस्तावित किया था. जिसमें ‘M’ का मतलब महिला और ‘Y’ का मतलब युवा है. इस फॉर्मूले को राजद के “MY” यानी मुस्लिम-यादव फॉर्मूले का जवाब माना जा रहा था. अब बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के साथ यह फॉर्मूला चर्चा में आ गया है. क्या इस एनडीए कैबिनेट में कोई महिला मुख्यमंत्री बन सकती है? अब सबकी निगाहें नई सरकार के गठन और सीएम नीतीश कुमार के भावी मंत्रिमंडल पर टिकी हैं.
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क्या नीतीश कैबिनेट में महिलाओं और युवाओं को मिलेगी तरजीह? (Will women and youth get preference in Nitish cabinet?)
ऐसे में अब कई सवाल उठने लगे हैं. ये भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या पीएम मोदी का ‘M’ और ‘Y’ यानी महिला और युवा वाला फॉर्मूला इस बार कैबिनेट का मुख्य आधार बनेगा? सवाल यह है कि क्या एनडीए इस नए ‘MY’ फॉर्मूले को कैबिनेट में भी लागू करके राजनीतिक जवाबदेही का प्रदर्शन करेगा? 2020 और 2024 में एनडीए ने बिहार में दो उपमुख्यमंत्री वाला फॉर्मूला अपनाया था. 2020 में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उपमुख्यमंत्री बने और 2024 में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री बने. यह समीकरण जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को दर्शाता है. हालांकि इस बार एनडीए के सामने एक विकल्प है.
क्या इस बार बिहार में बनेंगे तीन उपमुख्यमंत्री? (Will there be three Deputy Chief Ministers in Bihar this time?)
एनडीए के पास पुराने फॉर्मूले पर टिके रहने और दो उपमुख्यमंत्री बनाए रखने का विकल्प है. हालांकि इस बार भाजपा नए ‘MY’ फॉर्मूले को समायोजित करने के लिए भाजपा कोटे से दोनों नाम या कम से कम एक नाम बदल सकती है. तीन उपमुख्यमंत्रियों का विकल्प सबसे लोकप्रिय विकल्प है. 2020 के चुनावों में राजद ने भी तीन उपमुख्यमंत्रियों का प्रस्ताव रखा था और 2025 के चुनावों के लिए भी यही होगा. ऐसे में भाजपा जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ महिला और युवा कोटे को संतुलित करने के लिए तीन उपमुख्यमंत्री नियुक्त कर सकती है. इनमें से एक पद महिला को दिए जाने की सबसे अधिक संभावना है, जो सीधे तौर पर पीएम मोदी के ‘MY’ फॉर्मूले को दर्शाता है.
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नीतीश के महिला वोटर्स पर बीजेपी की नजर (BJP eyes Nitish’s women voters)
अगर भाजपा दो ही उप-मुख्यमंत्री रखती है, तो किसी युवा या महिला चेहरे को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा उप-मुख्यमंत्रियों में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है और किसी अन्य नेता को आगे लाया जा सकता है. यह फैसला भाजपा का शीर्ष नेतृत्व करेगा. एनडीए की जीत में अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और महिला मतदाताओं का अहम योगदान रहा है. इसलिए मंत्रिमंडल गठन में इन कारकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह के बाद यह लगभग तय है कि उप-मुख्यमंत्री पद पर किसी महिला की नियुक्ति होगी या महिलाओं को मंत्रिमंडल में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा. इससे न सिर्फ ‘M’ फॉर्मूला मज़बूत होगा, बल्कि बीजेपी नीतीश कुमार के महिला वोट बैंक पर अपनी पकड़ भी बनाए रख पाएगी.
युवा चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाकर तेजस्वी पर आखिरी वार करेगी बीजेपी? (Will BJP launch a final attack on Tejashwi by making a young face the Deputy Chief Minister?)
वहीं दूसरी दूसरी तरफ एक युवा चेहरे को उपमुख्यमंत्री बनाकर तेजस्वी पर करारा प्रहार करना चाहेगी. ताकि तेजस्वी की रही सही कमर टूट जाएं और उसका अस्तित्व बिहार में खत्म हो जाए. ऐसे में उपमुख्यमंत्री के पद पर हमेशा की तरह दलित, पिछड़ा या अति पिछड़ा समुदाय से ही किसी एक चेहरे को जगह मिलने की संभावना है. अंतिम फैसला बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व के बीच बैठक के बाद लिया जाएगा, लेकिन यह तय है कि नीतीश सरकार का अगला मंत्रिमंडल जातीय समीकरणों से ज्यादा पीएम मोदी के नए ‘MY’ यानी ‘महिला-युवा’ फॉर्मूले को दर्शाएगा.
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