Uday Singh on Jan Suraaj Loss: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. NDA ने 243 सीटों में से 202 पर जीत हासिल की. दूसरी तरफ 243 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई. पार्टी को कम से कम 15 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे केवल 4 प्रतिशत वोट ही मिले. अब इतनी करारी हार के बाद जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने इसकी वजह बताई. जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि इन नतीजों के बावजूद जन सुराज अपने मुद्दों पर काम करता रहेगा.
जनसुराज ने की प्रेस वार्ता (Jansuraj held a press conference)
जनसुराज पार्टी ने चुनाव नतीजों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए शुक्रवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि जन सुराज पार्टी चुनाव नतीजों से निराश नहीं है, बल्कि जनहित के मुद्दों पर जनता के साथ खड़ी है. तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद एक भी सीट न जीत पाने का कारण यह था कि बिहार की जनता राजद के सत्ता में वापसी से डरी हुई थी.
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हमें वोट नहीं मिले: उदय सिंह (We did not get votes: Uday Singh)
उदय सिंह ने जनसुराज की करारी हार पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जनता ने हमें स्वीकार तो किया, लेकिन हमें वोट नहीं मिले. यह हमारे लिए भी एक सवाल है. ऐसा लगता है कि राजद के सत्ता में आने के डर से जन सुराज पार्टी के वोट एनडीए को चले गए. पार्टी खुद इस बात पर विचार कर रही है कि यह नतीजा कैसे आया. इस वोट शिफ्ट का मुख्य कारण यह है कि राजद को समर्थन हासिल करने से रोका गया, इसलिए आखिरी समय में कुछ वोट एनडीए की ओर चले गए.
उदय सिंह ने कहा कि लोग कांग्रेस से उतना नहीं डरते जितना लालू यादव या राजद से. हालांकि राजद को रोकने के लिए वोट किया गया था, और इसका फायदा एनडीए को हुआ. लोगों को लगा कि जन सुराज के लिए वोट करने से राजद की जीत की संभावना बढ़ जाएगी, इसलिए उन्होंने एनडीए को चुना.
जमीनी स्तर पर काम करती है जनसुराज पार्टी (Jan suraaj Party works at the grassroots level)
उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी ज़मीनी स्तर पर काम करती है और उसे 15 प्रतिशत वोट मिलना तय था. लेकिन पार्टी इस पर विचार कर रही है कि ऐसा कैसे हुआ. हम बिहार को बदलने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि एनडीए ने चुनाव में जन सुराज के मुद्दों को उठाया. हमने 2000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वादा किया था, तभी नीतीश कुमार ने इसे बढ़ाकर 1100 रुपये किया. हम शुरू से ही रोज़गार और पलायन का मुद्दा उठाते रहे हैं. उसके बाद तो खुद प्रधानमंत्री भी पलायन रोकने की बात करने लगे. लेकिन अब हमारी मांग है कि एनडीए ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाए.
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