Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है. एनडीए में सीट शेयरिंग तो हो गई है लेकिन सियासी खींचतान अभी भी जारी है. तो वहीं, दूसरी तरफ महागठबंधन में सीटों को लेकर अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है. लेकिन देर रात राजद और कांग्रेस के नेताओं के बीच सियासी मुशायरा जरूर देखने को मिला. दरअसल राजद और कांग्रेस के नेता एक दूसरे को शेर के माध्यम से जवाब दे रहे थे. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें भाकपा (माले) द्वारा पटना की दीघा विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है.
किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी दिव्या गौतम? ( Divya Gautam contest Bihar Election 2025)
भाकपा (माले) यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) बिहार में महागठबंधन की एक प्रमुख सहयोगी पार्टी है. इस बार पार्टी ने युवा और शिक्षित चेहरे को उतारने की रणनीति अपनाई है. इसी कड़ी में दिव्या गौतम को उम्मीदवार बनाया गया है. अगर दीघा सीट की बात करें तो वर्तमान समय में एनडीए के पास है और पिछली बार यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीती थी. ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम के चुनाव मैदान में उतरने पर भाकपा (माले) और बीजेपी (BJP) के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है.
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दिव्या गौतम कौन हैं? (who is divya gautam)
दिव्या गौतम का जन्म एक शिक्षित और सामाजिक परिवार में हुआ है. वह सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन हैं और खुद भी लंबे समय से छात्र राजनीति और सामाजिक आंदोलनों से जुड़ी रही हैं. उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी के पटना कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक किया है. कॉलेज के दिनों में वे AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) की सक्रिय सदस्य थीं. वर्ष 2012 में उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ (PUSU) के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रही थीं.
पहले ही प्रयास में पास की BPSC की परीक्षा (Passed BPSC exam in the first attempt)
दिव्या ने अपने पहले ही प्रयास में 64वीं BPSC परीक्षा पास की थी और आपूर्ति निरीक्षक (Supply Inspector) के पद के लिए चयनित हुईं, लेकिन उन्होंने नौकरी स्वीकार नहीं की. वर्तमान में वह UGC-NET क्वालिफाइड हैं और पीएचडी कर रही हैं. भाकपा (माले) के सूत्रों के अनुसार, दिव्या गौतम को टिकट देने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि वे युवाओं, महिलाओं और शिक्षित वर्ग में एक नया संदेश देना चाहती हैं.
क्या मिलेगा फायदा? (grand alliance will benefit)
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार का नाम बिहार में पहले से ही भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है. ऐसे में दिव्या गौतम का चुनाव मैदान में उतरना एक भावनात्मक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर असर डालने वाला कदम माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिव्या की उम्मीदवारी से दीघा में महिलाओं और युवाओं का झुकाव महागठबंधन की ओर बढ़ सकता है, जबकि भाजपा के लिए यह सीट बचाना एक चुनौतीपूर्ण मुकाबला बन सकता है.
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