Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. बिहार लोक गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) बीजेपी में शामिल हो गई हैं. उन्हें अलीनगर से टिकट दिया गया है. लेकिन उनकी मुश्किलों में और बढ़ोतरी होती हुई नजर आ रही है. दरअसल, उनका भाजपा के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है. पार्टी के भीतर से विरोध के तीखे स्वर उभरे हैं. मैथिली के इस फैसले का समर्थन और विरोध करने वाले लोग सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं. इसके अलावा, मैथिली ठाकुर की असली चुनौती उनके निर्वाचन क्षेत्र अलीनगर में है, जहां स्थानीय पार्टी नेता और कार्यकर्ता उनके आगमन को पार्टी में पैराशूट एंट्री का उदाहरण बता रहे हैं.
मैथिली से नाखुश हैं अलीनगर के सभी सात मंडल अध्यक्ष
अलीनगर के भाजपा नेता और कार्यकर्ता स्थानीय नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि हर बूथ को मजबूत करने वाले कार्यकर्ताओं और जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं की अनदेखी की गई है. तारडीह पूर्वी मंडल अध्यक्ष पुरुषोत्तम झा, तारडीह पश्चिमी मंडल अध्यक्ष पंकज कंठ, घनश्यामपुर पूर्वी मंडल अध्यक्ष सुधीर सिंह, घनश्यामपुर पश्चिमी मंडल अध्यक्ष चंदन कुमार ठाकुर, नगर मंडल अध्यक्ष रंजीत कुमार मिश्रा, अलीनगर पश्चिमी मंडल अध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव और अलीनगर पूर्वी मंडल अध्यक्ष लाल मैथिली विरोध में उतर आए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे सभी अब भी संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं.
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2020 विधानसभा चुनाव में कौन जीते थे?
2020 विधानसभा चुनाव में मिश्री लाल यादव ने वीआईपी के टिकट पर अलीनगर विधानसभा सीट जीती थी. उन्होंने राजद के विनोद मिश्रा को 3,101 मतों से हराया था. संजय सिंह जिनका भाजपा कार्यकर्ता समर्थन कर रहे हैं, उनके बारे में बताया जाता है कि उन्हें पप्पू भैया के नाम से भी जाना जाता है. 2020 का चुनाव पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के टिकट पर लड़ा था. उन्हें केवल 9,737 वोट मिले और हार का सामना करना पड़ा.
मैथिली पर चला भाजपा ने दांव
2020 विधानसभा चुनाव में भाजपा को भरोसा था कि ब्राह्मण मतदाता राजद के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में यादव और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है. अगर राजद यादव वोट बैंक को एकजुट करने और ब्राह्मण वोटों में सेंध लगाने में कामयाब हो जाती है, तो उसकी जीत की संभावना बढ़ सकती है. इसलिए 2020 के चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा इस बार सतर्क है और उसने ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव लगाया है. मैथिली ठाकुर ब्राह्मण हैं और सभी जातियों में लोकप्रिय हैं. भाजपा का यह भी मानना है कि वह सभी जातियों और वर्गों की महिलाओं का समर्थन हासिल कर सकती हैं.
अगर अलीनगर के सियासी समीकरण की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार अलीनगर विधानसभा में 12.37 फीसदी आबादी मतदाता अनुसूचित जाति की है. इसके अलावा इस सीट पर 58 हजार 419 मुस्लिम मतदाता हैं. वर्ष 2020 के चुनाव में इस सीट पर 2 लाख 50 हजार से ज्यादा मतदाता थे.
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