चंद्रकांत पारगीर की रिपोर्ट, Chhattisgarh News: बैकुंठपुर शहर के होटल रामसेतु के पास बीती रात एक सड़क हादसा हुआ जो बाद में गंभीर विवाद और मारपीट में बदल गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक नाबालिग लड़का स्कूटी से गुजर रहा था, तभी अचानक सड़क पर गाय आ गई। गाय को बचाने के प्रयास में स्कूटी सवार सड़क पर गिर पड़ा। उसी दौरान पास खड़ी कार का दरवाजा खुल गया, जिससे कहासुनी हुई और मामला हाथापाई तक पहुँच गया।
नाबालिग लड़के की पिटाई
देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि नाबालिग लड़के की बेरहमी पिटाई कर दी गई। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन एक व्यक्ति और कुछ महिलाएं बच्चे को छोड़ने को तैयार नहीं थीं। सूचना पर पहुँची पुलिस ने बड़ी मुश्किल से नाबालिग को छुड़ाया और जिला चिकित्सालय पहुँचाया। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे अम्बिकापुर रेफर कर दिया। इसी बीच, मारपीट करने वाला पक्ष खुद को पहले डीआईजी इंटेलिजेंस और मंत्री का रिश्तेदार बताकर अस्पताल परिसर में लोगों व डॉक्टरों को धमकाने लगा। बाद में उसने खुद को पुलिस अधिकारी बताना शुरू कर दिया। यही नहीं, उसके साथ आई महिलाएं भी अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में नाबालिग के परिजनों से उलझती रहीं। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस पूरी तरह बेबस दिखाई दी।
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क्या लगे पुलिस आरोप
गंभीर घटना के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर दूसरे पक्ष को बचाने का प्रयास कर रही है। वहीं, सिटी कोतवाली प्रभारी विपिन लकड़ा का कहना है कि “नए कानून के अनुसार 14 दिन जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।”वही पीड़ित के बड़े पिता प्रहलाद गुप्ता ने तत्काल सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि मामले में तत्काल कार्यवाही होना चाहिए परंतु हमारे निवेदन के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नही किया। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नाबालिग की गंभीर स्थिति और FIR दर्ज न होने से परिजनों सहित आम नागरिकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
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