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EPF Vs GPF : क्या होता है EPF-GPF, दोनों में क्या है अंतर और कितना मिलता है ब्याज?

EPF Vs GPF : जैसे की सभी को पता है कि EPF क्या होता है लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि GPF क्या होता है. आइए जानते हैं दोनों में अंतर क्या है-

Published by sanskritij jaipuria

EPF Vs GPF : हर नौकरी करने वाले व्यक्ति की सैलरी से कुछ हिस्सा भविष्य के लिए काटा जाता है, ताकि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा बनी रहे. प्राइवेट सेक्टर में ये राशि पीएफ (PF) के रूप में जमा होती है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए ये जीपीएफ (GPF) के नाम से जानी जाती है. लेकिन इन दोनों में कई अंतर हैं.

क्या है EPF (Employee Provident Fund)?

EPF यानी एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक बचत योजना है.

 इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) का 12% हिस्सा जमा करता है.
 उतना ही योगदान नियोक्ता (कंपनी) की ओर से भी किया जाता है.
 कंपनी के योगदान में से 8.33% हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में और 3.67% हिस्सा PF अकाउंट में जाता है.
 EPF को EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के तहत मैनेज किया जाता है.
 ये स्कीम 1952 के एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट के तहत लागू है.

ये फंड नौकरी के दौरान आपकी बचत को बढ़ाने और रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

क्या है GPF (General Provident Fund)?

GPF यानी जनरल प्रोविडेंट फंड, सरकार के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है.

 इसमें सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने जमा करते हैं.
 ये रकम रिटायरमेंट के समय एक साथ दी जाती है.
 जरूरत पड़ने पर सर्विस के दौरान भी आंशिक निकासी की सुविधा होती है.
 GPF का लाभ केवल उन सरकारी कर्मचारियों को मिलता है जो 2004 से पहले नियुक्त हुए हैं.
 (2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों के लिए NPS लागू कर दिया गया है.)

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GPF पर कितना ब्याज मिलता है?

वर्तमान में सरकार ने GPF पर 7.1% सालाना ब्याज दर तय की है.
ये दर अक्टूबर से दिसंबर 2025 की तिमाही के लिए लागू है और कई सालों से स्थिर बनी हुई है.
ब्याज की गणना हर महीने की जाती है और साल के अंत में अकाउंट बैलेंस में जोड़ दी जाती है.

EPF पर ब्याज दर क्या है?

EPF पर वर्तमान ब्याज दर 8.25% सालाना है.
ये दर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लागू है.
इस ब्याज का फायदा हर कर्मचारी को उसके जमा किए गए फंड पर मिलता है, जिसे वित्त वर्ष के अंत में जोड़ा जाता है.

साधारण शब्दों में कहें तो –

 EPF प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए है,
 GPF सरकारी कर्मचारियों (2004 से पहले नियुक्त) के लिए है.

दोनों योजनाएं रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देती हैं, लेकिन ब्याज दर और योगदान के नियमों में फर्क है. इसलिए ये समझना जरूरी है कि आप किस श्रेणी में आते हैं और किस योजना से आपका पैसा जुड़ा है.

sanskritij jaipuria

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