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NPS vs PPF: NPS या PPF कौन है ज्यादा फायदेमंद, क्या है दोनों में फर्क?

NPS vs PPF: NPS और PPF दोनों रिटायरमेंट के लिए हैं. NPS में बाजार से जुड़ा ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, जबकि PPF सुरक्षित और टैक्स-फ्री रिटर्न देता है. चुनाव जोखिम पर निर्भर करता है.

By: sanskritij jaipuria | Published: December 28, 2025 10:48:12 AM IST



NPS vs PPF: आज के समय में सिर्फ कमाना ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिए सही तरीके से बचत करना भी बहुत जरूरी है. रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी बनी रहे, इसके लिए लोग लंबे समय की योजनाओं में पैसा लगाते हैं. भारत में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) दो ऐसी योजनाएं हैं जिनका इस्तेमाल रिटायरमेंट की तैयारी के लिए किया जाता है. दोनों का उद्देश्य एक है, लेकिन तरीका और जोखिम अलग-अलग है.

 NPS क्या है

नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक रिटायरमेंट बचत योजना है. इसे PFRDA नाम की संस्था कंट्रोल करती है. इस योजना में जमा किया गया पैसा शेयर बाजार और बॉन्ड जैसी जगहों पर लगाया जाता है.

NPS में नौकरीपेशा और स्वरोजगार करने वाले दोनों लोग निवेश कर सकते हैं. इसमें दो खाते होते हैं

 टियर-1 खाता: ये मेन रिटायरमेंट खाता है, जिससे पैसा आसानी से नहीं निकाला जा सकता
 टियर-2 खाता: ये वैकल्पिक है और इससे जरूरत पड़ने पर पैसा निकाला जा सकता है

रिटायरमेंट के समय जमा रकम का एक हिस्सा पेंशन लेने के लिए इस्तेमाल करना जरूरी होता है, जिससे हर महीने कुछ आमदनी मिलती रहे.

 NPS की खास बातें

ज्यादा रिटर्न की संभावना- क्योंकि NPS का पैसा बाजार से जुड़ा होता है, इसलिए लंबे समय में इसमें ज्यादा बढ़त की संभावना रहती है. हालांकि रिटर्न तय नहीं होते.

निवेश का चुनाव करने की सुविधा- NPS में आप तय कर सकते हैं कि आपका पैसा शेयर, सरकारी बॉन्ड या अन्य साधनों में कितना लगे. चाहें तो सिस्टम खुद आपकी उम्र के हिसाब से निवेश बदल देता है. टैक्स में राहत- NPS में जमा रकम पर टैक्स में छूट मिलती है. एक तय सीमा तक निवेश करने पर आयकर कम हो सकता है.

कम खर्च- इस योजना में फंड मैनेजमेंट का खर्च बहुत कम होता है, जिससे लंबे समय में फायदा बढ़ता है.

रिटायरमेंट के बाद पेंशन- रिटायरमेंट के बाद जमा रकम के एक हिस्से से पेंशन मिलती है, जिससे नियमित आय बनी रहती है.

सीमित निकासी की सुविधा- कुछ खास जरूरतों जैसे पढ़ाई, इलाज या घर खरीदने के लिए आंशिक निकासी की अनुमति होती है.

 PPF क्या है

पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF एक सरकारी बचत योजना है, जिसे बहुत सुरक्षित माना जाता है. इसमें मिलने वाला ब्याज तय होता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता.

PPF खाता बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है. इसमें हर साल कम से कम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख जमा किए जा सकते हैं. इसकी अवधि 15 साल होती है, जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है.

 PPF की खास बातें

पूरी तरह सुरक्षित- PPF सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं होता.

लंबे समय की बचत- 15 साल की अवधि होने के कारण ये नियमित और अनुशासित बचत की आदत बनाता है.

टैक्स-फ्री फायदा- PPF में जमा रकम, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा तीनों पर टैक्स नहीं लगता.

जमा करने में आसानी- आप साल में एक बार या किश्तों में पैसा जमा कर सकते हैं, जिससे अलग-अलग आय वाले लोगों के लिए ये आसान है.

लोन की सुविधा- कुछ साल बाद PPF खाते पर लोन भी लिया जा सकता है, जो आम लोन से सस्ता होता है.

आंशिक निकासी- 7 साल पूरे होने के बाद जरूरत पड़ने पर कुछ पैसा निकाला जा सकता है.

 NPS और PPF में फर्क

 सुरक्षा

 NPS: बाजार से जुड़ा होने के कारण जोखिम रहता है
 PPF: पूरी तरह सुरक्षित

 रिटर्न

 NPS: ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन तय नहीं
 PPF: रिटर्न कम लेकिन स्थिर

 पैसा निकालने की सुविधा

 NPS: रिटायरमेंट से पहले सीमित निकासी
 PPF: तय समय के बाद निकासी और लोन दोनों

 टैक्स

 NPS: निवेश पर टैक्स छूट, लेकिन पेंशन पर टैक्स
 PPF: पूरी तरह टैक्स-फ्री

आपके लिए कौन-सी योजना सही है

अगर आप जोखिम लेने को तैयार हैं और लंबे समय में ज्यादा पैसा बनाना चाहते हैं, तो NPS आपके लिए ठीक हो सकता है. अगर आप सुरक्षा और तय रिटर्न चाहते हैं और बिना जोखिम के बचत करना चाहते हैं, तो PPF बेहतर ऑप्शन है.

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