शेयर बाजार में इन दिनों एक अलग तरह का IPO चर्चा में है. ये IPO किसी बड़ी टेक या इंडस्ट्रियल कंपनी का नहीं, बल्कि सब्ज़ी और फल का कारोबार करने वाली कंपनी स्टैनबिक एग्रो लिमिटेड का है. इस कंपनी ने SME सेगमेंट में अपना IPO पेश किया है, जिसे लेकर निवेशकों और सोशल मीडिया यूजर्स के बीच काफी बातचीत हो रही है.
सोशल मीडिया पर क्यों हो रही है चर्चा
स्टैनबिक एग्रो का IPO खुलते ही सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. कुछ लोग हैरान हैं कि अब सब्जी बेचने वाली कंपनियां भी शेयर बाजार से पैसा जुटा रही हैं, वहीं कुछ का मानना है कि हर बिजनेस को आगे बढ़ने का हक है. कई निवेशक ये भी कह रहे हैं कि IPO में पैसा लगाने से पहले ये देखना जरूरी है कि कंपनी का मुनाफा कितना स्थिर है, कैश फ्लो मजबूत है या नहीं और भविष्य में ये कारोबार कितना आगे बढ़ सकता है.
IPO से जुड़ी अहम जानकारी
स्टैनबिक एग्रो के IPO में कुल 40,92,000 शेयर शामिल हैं.
शेयर की कीमत: ₹30 प्रति शेयर
कुल इश्यू साइज: करीब ₹12.28 करोड़
IPO खुलने की तारीख: 12 दिसंबर
IPO बंद होने की तारीख: 16 दिसंबर
न्यूनतम आवेदन: 8,000 शेयर
लिस्टिंग: BSE-SME प्लेटफॉर्म
कंपनी का काम क्या है
अहमदाबाद की ये कंपनी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, थोक बिक्री और कृषि उत्पादों की सप्लाई का काम करती है. कंपनी किसानों से सीधे जुड़कर फल और सब्ज़ियां खरीदती है और फिर उन्हें दुकानों व कस्टमरों तक पहुंचाती है.
कंपनी के पास इस समय 7 खुदरा आउटलेट हैं और छोटे दुकानदारों को सप्लाई के लिए गोदामों का नेटवर्क भी है. मौजूदा समय में कंपनी के पास 16 करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर बताए जा रहे हैं.
कंपनी की कमाई का हाल
स्टैनबिक एग्रो की आय में पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है.
वित्त वर्ष 2024 में आय: 26.55 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2025 में आय: 52.49 करोड़ रुपये
मुनाफे की बात करें तो:
FY 2024 में शुद्ध लाभ: 1.85 करोड़ रुपये
FY 2025 में शुद्ध लाभ: 3.74 करोड़ रुपये
IPO से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल
कंपनी IPO से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल कई जरूरतों के लिए करेगी.
नए रिटेल आउटलेट खोलने पर
रोजमर्रा के खर्च और वर्किंग कैपिटल के लिए
कुछ रकम जमा और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों में
इसके अलावा IPO से जुड़े खर्चों पर भी पैसा लगाया जाएगा.
निवेशकों के लिए सोचने की बात
ये IPO ये दिखाता है कि अब छोटे और मिड-साइज बिजनेस भी शेयर बाजार का रास्ता अपना रहे हैं. हालांकि, निवेश से पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल, मुनाफे की स्थिरता और भविष्य की संभावनाओं को समझना जरूरी है. सिर्फ चर्चा या ट्रेंड के आधार पर फैसला करना समझदारी नहीं मानी जाती.

