Patanjali Ghee News: पतंजलि का एक और उत्पाद अब अब विवादों में है. पतंजलि के गाय का घी खाने लायक नहीं है. यह खुलासा लैब टेस्ट में हुआ है. लैब टेस्ट में पतंजलि के घी का सैंपल फेल हो गया है. ऐसे में कंपनी पर 1.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पतंजलि आयुर्वेद का देसी गाय का घी गुणवत्ता परीक्षण में पूरी तरह फेल पाया गया है.
खाद्य विभाग ने साफ कहा कि यह घी खाने लायक नहीं है. विभाग ने कहा कि सेवन करने पर बीमारी और साइड इफेक्ट हो सकते हैं. दो स्तर की लैब रिपोर्ट फेल हो गई है. रुद्रपुर के प्रदेश स्तरीय लैब और गाजियाबाद के राष्ट्रीय खाद्य लैब की रिपोर्ट में घी स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं पाया गया. बता दें कि घी का ये सैंपल साल 2020 में लिया गया था. फैसला गुरुवार 27 नवंबर 2025 को आया है.
3 कारोबारियों पर लगा जुर्माना
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन पिथौरागढ़ के असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक- “खाद्य संरक्षा विभाग, पिथौरागढ़ द्वारा न्याय निर्णायका अधिकारी/अपर जिलाधिकारी, पिथौरागढ़ योगेंद्र सिंह के न्यायालय में दायर मुकदमे का निस्तारण कर दिया गया है, जिसमें मुकदमे से संबंधित 03 खाद्य कारोबारकर्ताओं पर कुल 1,40,000 (एक लाख चालीस हजार रुपये मात्र) का जुर्माना लगाया गया है.”
आरके शर्मा ने बताया कि 20 अक्टूबर 2020 को पिथौरागढ़ के कासनी से खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने रूटीन चेकिंग के दौरान करन जनरल स्टोर से पतंजलि के गाय के घी का नमूना लिया था. इसके बाद नमूने को जांच के लिए भेजा गया था.
कंपनी की ओर से की गई थी ये अपील
प्रेस नोट में बताया गया, “पतंजलि के अधिकारियों को 2021 में इसकी जानकारी दी गई. काफी समय तक कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. बाद में कंपनी के अधिकारियों की तरफ से 15 अक्टूबर 2021 को दोबारा जांच की अपील की. कंपनी ने नमूनों की जांच सेंट्रल लैब से कराने की बात कही. इसके लिए पतंजलि की तरफ से 5 हजार रुपये की निर्धारित फीस भी ली गई थी.”
असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम 16 अक्टूबर 2021 को नमूनों की जांच के लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पहुंची, जहां फिर से घी की जांच कराई गई. राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला ने 26 नंवबर 2021 को अपनी रिपोर्ट दी. वहां भी पतंजलि गाय के घी के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतर पाए.
उन्होंने बताया कि इसके बाद दो महीने तक रिपोर्ट की स्टडी की गई, फिर 17 फरवरी 2022 को कोर्ट के सामने मामला रखा गया. इसके बाद पतंजलि को नोटिस जारी किया गया था. यहां बता दें कि पतंजलि, योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी है.

