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Indian real estate: रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड में कमी और नई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी लॉन्च में गिरावट के कारण, भारत के टॉप नौ शहरों में घरों की बिक्री 2025 की चौथी तिमाही में घटकर 98,019 यूनिट्स रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 116,137 यूनिट्स थी. नौ में से सात शहरों में बिक्री में गिरावट आई, जिसमें नवी मुंबई और दिल्ली-नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) अपवाद रहे. रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म PropEquity ने बुधवार को कहा कि यह जुलाई-सितंबर 2021 के बाद से दर्ज की गई सबसे कम तिमाही बिक्री है.
ये आंकड़े प्राइमरी रेजिडेंशियल मार्केट से जुड़े हैं. बाकी सात शहर बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नवी मुंबई और पुणे हैं. PropEquity के फाउंडर और CEO समीर जसूजा ने कहा, “परंपरागत रूप से, अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में त्योहारों और नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च के कारण बिक्री में काफी बढ़ोतरी देखी जाती है.”
प्रॉपर्टी की बिक्री में गिरावट का क्या कारण है?
नौ शहरों में से, सिर्फ़ नवी मुंबई और दिल्ली-NCR में इस तिमाही में बिक्री बढ़ी, जो क्रमशः 13 प्रतिशत और 4 प्रतिशत थी. बाकी सात शहरों में गिरावट दर्ज की गई, जिसमें बिक्री 31 प्रतिशत तक गिर गई. तिमाही-दर-तिमाही आधार पर, इस तिमाही में कुल हाउसिंग बिक्री में सिर्फ़ 2 प्रतिशत की गिरावट आई. घर खरीदने वालों की मांग घटकर 98,019 यूनिट हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत कम है और Q3 2025 की तुलना में 2 प्रतिशत कम है.
हालांकि, हालिया गिरावट बाज़ार में ‘प्रीमियम’ प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ते ट्रेंड को दिखाती है, जिसका सबूत वॉल्यूम में कमी के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी है. NSE पर लिस्टेड कंपनी P.E. Analytics Limited, PropEquity की मालिक है.
बेंगलुरु में घरों की बिक्री में गिरावट क्यों आई?
देश के सबसे बड़े हाउसिंग मार्केट में से एक, बेंगलुरु में 15,603 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले क्वार्टर की तुलना में 7 प्रतिशत कम है, लेकिन पिछले साल के लगभग बराबर है. चेन्नई और कोलकाता में पिछले क्वार्टर की तुलना में 16 प्रतिशत की और भी ज़्यादा गिरावट देखी गई, जबकि साल-दर-साल बिक्री में क्रमशः 3 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की कमी आई.
दूसरी ओर, नवी मुंबई एक मज़बूत आउटपरफ़ॉर्मर के तौर पर उभरा, जहाँ बिक्री में तिमाही आधार पर 17 प्रतिशत और सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. प्रमुख बाज़ारों में, पुणे में सबसे ज़्यादा गिरावट देखी गई, जहाँ बिक्री घटकर 15,788 यूनिट रह गई, जो पिछले साल की तुलना में 31 प्रतिशत कम है.