Gold Demand: दिवाली 2025 तक सोने की कीमत ₹1,65,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है और अभी इसमें और इजाफा हो सकता है. इस साल अब तक सोने ने शानदार प्रदर्शन किया है और 39 बार नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले साल की तुलना में इसकी कीमत में 61% की तेज़ी आई है. हालांकि कुछ लोग सोचते हैं कि अब कीमतें थम सकती हैं, लेकिन बाजार के संकेत बता रहे हैं कि सोने की यह रफ्तार अभी खत्म नहीं हुई है. इस साल निवेशक सोने को सिर्फ़ गहनों के लिए नहीं, बल्कि एक सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं.
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक सोने की ओर बढ़े
अब सिर्फ आम निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े केंद्रीय बैंक भी सोना खरीद रहे हैं. अमेरिका के डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए चीन, भारत, पोलैंड और कज़ाकिस्तान जैसे देश अपने भंडार में लगातार सोना जोड़ रहे हैं. पहले जहां ज़्यादातर भंडार डॉलर में रखे जाते थे, अब उनमें सोने का हिस्सा बढ़ रहा है. वैश्विक स्तर पर डॉलर का हिस्सा घटकर 42% रह गया है, जबकि सोने की मांग बढ़ रही है. जब भी दुनिया का कोई देश अपने भंडार का सिर्फ 1% भी डॉलर से हटाकर सोने में लगाता है, तो करीब 530 टन सोने की नई मांग बनती है.
क्यों बढ़ रहे सोने के दाम ?
मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप में बढ़ते तनाव, व्यापार पर टैरिफ़, और दुनिया की आर्थिक अनिश्चितता भी सोने को एक मजबूत विकल्प बना रही है. BRICS देशों का डॉलर से दूरी बनाना और अपनी मुद्रा प्रणाली को मजबूत करने की कोशिशें भी इस बदलाव का हिस्सा हैं. इसके साथ ही, दुनिया भर में कर्ज़ और घाटा बढ़ रहा है, जिससे फिएट मुद्राओं (जैसे डॉलर, यूरो आदि) पर भरोसा कम हो रहा है. इस माहौल में सोना एक “तटस्थ और भरोसेमंद भंडार” बन गया है. जब तक केंद्रीय बैंक सोना खरीदते रहेंगे और ब्याज दरें सामान्य रहेंगी, तब तक सोने की तेज़ी रुकने की संभावना कम है.
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