Share market: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों में घबराहट साफ नजर आई। सेंसेक्स 765 अंक गिरकर 79,858 पर और निफ्टी 233 अंक टूटकर 24,363 पर बंद हुआ। बाजार में पूरे दिन दबाव बना रहा, खासकर बैंकिंग, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जोरदार बिकवाली देखने को मिली। निफ्टी बैंक इंडेक्स 516 अंक गिरकर 55,005 पर बंद हुआ और India VIX में भी तेजी आई, जो बाजार में डर बढ़ने का संकेत है। यह गिरावट सिर्फ घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि वैश्विक दबावों और अमेरिका-भारत के बीच टैरिफ तनाव की वजह से भी आई।
अब आगे जानते हैं वे 5 प्रमुख कारण, जिनसे बाजार का मूड बिगड़ा।
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भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में करीब 1% की तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 765 अंक गिरकर 79,858 पर और निफ्टी 233 अंक टूटकर 24,363 पर बंद हुआ। इस गिरावट के पीछे कई बड़ी वजहें थीं, जिनमें अमेरिका-भारत व्यापार तनाव से लेकर विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली तक शामिल हैं।
1. अमेरिका-भारत टैरिफ तनाव
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया गया है। ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक टैरिफ विवाद सुलझता नहीं, तब तक कोई ट्रेड डील नहीं होगी। यह भारत के लिए एक झटका है और निवेशकों में वैश्विक अनिश्चितता की भावना को और गहरा करता है।
2. FII की जबरदस्त बिकवाली
गुरुवार को एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने भारतीय बाजार से करीब ₹4,997 करोड़ की निकासी की। लगातार हो रही इस बिकवाली से बाजार में दबाव बना हुआ है। Geojit Financial के वीके विजयकुमार के अनुसार, ऊँची वैल्यूएशन और तकनीकी कमजोरी के चलते एफआईआई पैसे निकाल रहे हैं।
3. कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखी गई। कोरिया का Kospi और हांगकांग का Hang Seng लाल निशान में रहे। अमेरिकी बाजार भी रात में मिश्रित संकेतों के साथ बंद हुए। ऐसे में ग्लोबल इन्वेस्टर सेंटीमेंट कमजोर हुआ है।
4. रुपये में गिरावट
डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे गिरकर 87.63 पर बंद हुआ। डॉलर की मजबूती और घरेलू बिकवाली ने रुपये पर दबाव बनाया, जिससे विदेशी निवेशकों की धारणा और कमजोर हुई।
5. India VIX में उछाल: घबराहट बढ़ी
India VIX (वोलाटिलिटी इंडेक्स) में 1% से ज्यादा की बढ़त देखी गई और यह 11.84 पर पहुंच गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में डर और अस्थिरता बढ़ रही है, और निवेशक फिलहाल रिस्क लेने से कतरा रहे हैं।

