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हफ्ते में 75 घंटे तक काम, आईफोन बनाने वाले कर्मचारियों की दर्दनाक दास्तां

एप्पल का नया मॉडल (iPhone 17) के मॉडल के निर्माण से जुड़ी (Manufacturing) चीन की फैक्ट्री (China Factory) से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां, कर्मचारियों ने शोषण (Exploited by Employees) जैसे कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

Published by DARSHNA DEEP

iPhone 17 Manufacturing: हाल में मार्केट में आया एप्पल का नया मॉडल (iPhone 17) की देशभर में चर्चा की जा रही है. लेकिन मॉडल के निर्माण से जुड़ी चीन की फैक्ट्री से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. चीन लेबर वॉच (China Labor Watch) नाम के एक एनजीओ की रिपोर्ट के मुताबिक, 
एप्पल के उत्पादन भागीदार फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप (Foxconn Technology Group) की झेंग्झौ फैक्ट्री में कर्मचारियों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 

कर्मचारियों ने लगाया शोषण का गंभीर आरोप

अत्यधिक ओवरटाइम: 

सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों से कराया गया ज्यादा काम. रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर कर्मचारियों से हर हफ़्ते 60 से 75 घंटे तक काम कराया गया. यह न केवल चीन के कानूनी तौर पर निर्धारित अधिकतम साप्ताहिक सीमा का उल्लंघन है, बल्कि एप्पल की अपनी 60 घंटे की साप्ताहिक सीमा से भी काफी ज्यादा है. 

वेतन रोकना और रात की शिफ्ट: 

इतना ही नहीं अत्यधिक ओवरटाइम के साथ-साथ कर्मचारियों का वेतन भी रोक गया और साथ ही जबरन रात की शिफ्ट में काम करने जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वेतन का दूसरा हिस्सा अगले महीने तक रोक कर रखा गया था. 

चीनी कानून का उल्लंघन

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जांच में मजदूरों के अधिकारों से जुड़ी कई गंभीर चिंताएं भी खुलकर सामने आई है, जिसके तहत फॉक्सकॉन पर चीनी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है. 

अस्थायी कर्मचारियों की भारी संख्या: 

रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सकॉन अस्थायी ‘डिस्पैच’ कर्मचारियों को बड़ी संख्या में काम पर रखकर चीनी श्रम कानून का उल्लंघन करने की कोशिश की जा रही थी. 

कानूनी सीमा का उल्लंघन: 

फॉक्सकॉन के झेंग्झौ परिसर को अक्सर ‘आईफोन शहर’ भी कहा जाता है, जहां मार्च से सितंबर के दौरान डेढ़ से 2 लाख तक कर्मचारी काम किया करते थे. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि कुल कर्मचारियों में से 50% से अधिक अस्थायी कर्मचारी थे. यह संख्या चीन के कानून के तहत तय कानूनी सीमा से पांच गुना ज़्यादा है, जिसे एक गंभीर उल्लंघन माना गया है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि  ‘अस्थिर ऑर्डर’ की वजह से फैक्ट्री में ऐसा माहौल बन गया है, जहां, कर्मचारियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. 

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