बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और नई सरकार बन चुकी है, लेकिन भोजपुरी फिल्मों से राजनीति में आए सितारों के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है. खासकर दिनेश लाल यादव निरहुआ और खेसारी लाल यादव के बीच चल रही खींचतान लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. एक इंटरव्यू में निरहुआ ने खेसारी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए, जिनके बाद ये विवाद और गहरा गया है.
एक यूट्यूब इंटरव्यू में निरहुआ ने खेसारी के बारे में ऐसी बातें कहीं, जिनके बाद मामला गरम पड़ गया. उन्होंने कहा कि खेसारी सार्वजनिक मंच पर अपशब्द कहते हैं और फिर निजी तौर पर फोन करके माफी मांग लेते हैं. निरहुआ ने कहा कि अगर कोई बाजार में गाली देगा, तो जवाब भी बाजार में ही मिलेगा.” इस कथन ने पूरे विवाद को नया रूप दे दिया. निरहुआ का कहना है कि मंच से कही गई गलत बातों के लिए निजी तौर पर माफी मांगना सही नहीं है. यदि कोई सार्वजनिक रूप से गलत करता है, तो उसे भी वहीं जवाब मिलना चाहिए.
‘भीड़ देखकर बदल गया व्यवहार’- निरहुआ का आरोप
निरहुआ का आरोप है कि चुनावी सभाओं में खेसारी को देखकर जो भीड़ जुटती थी, उसी ने उनके व्यवहार को बदल दिया. उनके अनुसार भीड़ देखकर कोई भी कलाकार भावुक हो सकता है, पर अनुभव और समझ रखने वाले कलाकार संयम बनाए रखते हैं. वे कहते हैं कि विशाल जनसमर्थन पाना नई बात नहीं है.
मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह और खुद निरहुआ सभी ने ऐसी भीड़ पहले भी देखी है.
निरहुआ के मुताबिक, खेसारी इस भीड़ से प्रभावित होकर अहंकार में आ गए और उन्होंने खुले मंच से अन्य कलाकारों पर उंगली उठाना शुरू कर दिया. खेसारी कथित रूप से कहने लगे कि एक किलोमीटर के दायरे में सभी कलाकार अपनी-अपनी सभा रख लें, फिर देखेंगे किसकी भीड़ ज्यादा होती है. निरहुआ के अनुसार ये बात कलाकारों को चुनौती देने वाली और अपमानजनक थी.
‘बाप को न सिखाओ…’ वाला जुमला क्यों आया?
जब खेसारी की इस चुनौती पर निरहुआ से प्रतिक्रिया मांगी गई, तब उन्होंने अंग्रेजी में कहा “Don’t teach father how to make a baby.” यानी “बाप को मत सिखाओ कि बच्चा कैसे पैदा होता है.”
निरहुआ का कहना है कि वे आमतौर पर ऐसे बयान नहीं देते, लेकिन खेसारी की भाषा और चुनौती उन्हें जवाब देने पर मजबूर कर गई. उन्होंने ये भी कहा कि वे चुनाव में एक्टिव भी नहीं थे क्योंकि उस समय उनकी शूटिंग चल रही थी.
चुनावी मंच पर बयानबाजी और फोन पर माफी?
निरहुआ ने एक और बड़ा आरोप लगाया खेसारी सार्वजनिक मंचों पर गालियां देते हैं और बाद में फोन करके माफी मांग लेते हैं. उनके अनुसार ये खेसारी की पुरानी आदत है. वे भीड़ के सामने विवादित बातें बोलते हैं. बाद में निजी तौर पर सफाई देते हैं कि गुस्से में कह दिया था. निरहुआ का कहना है कि सार्वजनिक मंच पर दी गई गाली को निजी माफी से खत्म नहीं किया जा सकता.
निरहुआ ये भी कहते हैं कि वे और बाकी कलाकार खेसारी की बातों को पहले कई बार नजरअंदाज कर चुके हैं. उनके मुताबिक खेसारी पहले भी इंडस्ट्री के कलाकारों पर टिप्पणी करते थे, लेकिन सबने इसे शांत वातावरण बनाए रखने के लिए नजरअंदाज किया. लेकिन जब चुनाव के दौरान खेसारी ने मनोज तिवारी, रवि किशन और निरहुआ पर आरोप लगाए कि इन लोगों ने कुछ किया ही नहीं, तब निरहुआ को लगा कि चुप रहना गलत होगा.
छपरा सीट पर खेसारी की एंट्री
आरजेडी ने खेसारी लाल यादव को छपरा सीट से उम्मीदवार बनाया था. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं और भोजपुरी कलाकारों रवि किशन, पवन सिंह और मनोज तिवारी ने खेसारी पर राजनीतिक हमले किए. इसके जवाब में खेसारी ने भी तीखे बयान दिए. यही बयानबाजी बाद में व्यक्तिगत तकरार में बदल गई. हालांकि चुनाव खत्म होने के बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें खेसारी एयरपोर्ट पर रवि किशन के पैर छूते दिखाई दिए. इसने पूरे मामले को और दिलचस्प बना दिया एक तरफ मंच से हमला, दूसरी तरफ बाद में सम्मान जताते दृश्य.
निरहुआ और खेसारी के बीच सिर्फ राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि व्यक्तिगत नाराजगी भी दिख रही है. निरहुआ बार–बार कह रहे हैं कि वे बोलना नहीं चाहते थे, लेकिन खेसारी के शब्दों और व्यवहार ने उन्हें जवाब देने पर मजबूर किया. दूसरी तरफ, खेसारी की लोकप्रियता और जनता से मिलने वाला समर्थन उन्हें आत्मविश्वास देता है, जो शायद इस विवाद को और तूल दे रहा है.

