रजनेश यादव की रिपोर्ट, Sambhal, Uttar Pradesh: संभल जिले में किसानों को इन दिनों खाद की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिसने उनकी परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। फसलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली खाद की कमी से किसान हताश हैं और उन्हें घंटों तक लाइनों में खड़े रहने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। यह स्थिति अब इस हद तक पहुँच चुकी है कि किसान अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं।
सुबह 5 बजे से लगती हैं लंबी लाइनें
जिले में खाद की कमी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसान और महिला किसान सुबह 5 बजे से ही सहकारी समितियों और इफको केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनों में लग जाते हैं। घंटों तक चिलचिलाती धूप और गर्मी में खड़े रहने के बावजूद, उन्हें यह आश्वासन नहीं मिल पाता कि उन्हें खाद मिलेगी या नहीं। चाटन की सहकारी समिति का 11 बजे तक न खुलना इस व्यवस्था की पोल खोलता है। किसानों का कहना है कि वे हर दिन घंटों इंतज़ार करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं।
गुस्साए किसानों ने किया सड़क जाम
जब किसानों का सब्र जवाब दे गया, तो उन्होंने अपनी आवाज़ प्रशासन तक पहुँचाने के लिए बहजोई से दिल्ली जाने वाले मुख्य मार्ग को ही जाम कर दिया। इससे घंटों तक यातायात पूरी तरह ठप रहा और सैकड़ों यात्री जाम में फँसे रहे। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और किसानों को समझा-बुझाकर सड़क खुलवाई। पुलिस के हस्तक्षेप से भले ही यात्रियों को राहत मिली, लेकिन किसानों की मूल समस्या जस की तस बनी रही। किसानों ने बताया कि उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है, और खाद न मिलने से उनकी फ़सलों पर सीधा असर पड़ रहा है।
फसल और आर्थिक स्थिति पर खतरा
बारिश के मौसम में फ़सलों की अच्छी पैदावार के लिए खाद की आवश्यकता सबसे ज़्यादा होती है। मौजूदा कमी से किसानों की चिंताएँ और बढ़ गई हैं, क्योंकि अगर समय पर खाद नहीं मिली तो इसका सीधा असर उनकी फ़सलों के उत्पादन पर पड़ेगा। इफको केंद्र पर उमड़ी भारी भीड़ साफ़ तौर पर यह दिखाती है कि यह समस्या कितनी गंभीर है। यदि प्रशासन और कृषि विभाग ने इस पर तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो इसका असर न सिर्फ़ इस साल की फ़सल पर पड़ेगा, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह प्रभावित होगी। किसानों को उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी ताकि उन्हें इस मजबूरी से छुटकारा मिल सके।
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