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Sawan 2025: खत्म होने वाला है सावन! ये 4 तिथियां हैं बेहद शुभ, जल्द करलें भोलेबाबा का रुद्राभिषेक

Sawan 2025: सावन के महीने में शिव भगवान की पूजा अर्चना का काफी ज्यादा महत्व होता है। लोग इस महीने में शिव भक्ति में लीन रहते हैं। ऐसे में महादेव को खुश करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है।

By: Preeti Rajput | Published: August 1, 2025 3:13:13 PM IST



Sawan 2025: सावन का महीना शिव भगवान का होता है। पूरे महीने श्रद्धालु भोलेनाथ की पूजा-आराधना में लीन रहते हैं। इस महीने शिवभक्त उन्हें खुश करने के लिए रुद्राभिषेक भी कराते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने पर उनकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। ऐसे में भक्तों के लिए ये भी जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि वो कब और किस दिन रुद्राभिषेक करवा सकते हैं। 

ये हैं खास तिथियां

सावन के महीने में अगर आप रुद्राभिषेक का मन बना रहे हैं तो ये काफी फलदायी है। हालांकि, शुभ तिथियां अधिकतर निकल चुकी हैं। क्योंकि सावन 11 जुलाई को ही शुरू हुआ था। अब आप सावन के चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करवा सकते हैं। या फिर 4 अगस्त को क्योंकि, ये दिन काफी शुभ माना जा रहा है। इसके अलावा, पूर्णिमा और प्रदोष व्रत के दिन भी आप रुद्राभिषेक करवा सकते हैं। 

क्यों किया जाता है रुद्राभिषेक?

भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। पूरे साल आप पूजा करते हैं तो भोलेनाथ उसका भी फल देते हैं। लेकिन, अगर आप सावन के दिनों में भोलेबाबा से कुछ मांगते हैं तो वो जरूर सुनते हैं। इसलिए कहा जाता है कि रुद्राभिषेक से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, भक्तों को आरोग्य मिलता है। अगर संभव हो सके तो विधि-विधान के साथ रुद्राभिषेक करें। अगर ऐसा ना हो सके तो आप अपने घर पर ही ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हुए इस पूजा को संपन्न करें। 
यही नहीं, रुद्राभिषेक करने से ग्रहों की बाधाएं और परेशानियां भी दूर होती हैं। जातक सभी रोग, दोष और भय से मुक्त हो जाते हैं। शिवभक्त संतान की प्राप्ति, शीघ्र विवाह, करियर में सफलता, धन वृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी रुद्राभिषेक करते हैं। 

कैसे करें रुद्राभिषेक?

वैसे तो आप जिस ब्राह्मण से रुद्राभिषेक करवाएंगे, वो ही आपको इस पूजा की पूरी विधि बता देंगे। लेकिन, आपकी जानकारी के लिए रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान करवाया जाता है। साथ ही, भांग, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है। इसको चढ़ाते हुए शिवमंत्रों का जाप किया जाता है। ऐसा कहते हैं कि इस पूजा में पढ़े जाने वाले मंत्रों से लोग निरोग रहते हैं। इस विधि के दौरान भोलेबाबा को दूध और गन्ने के रस से भी स्नान करवाया जाता है। ये काफी फलदायी होता है। 
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है। 

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