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Sawan 2025 : भगवान शिव को आदिनाथ, महादेव, भोलेनाथ, शंकर और देवों के देव महादेव कहा जाता है। वे सिर्फ एक देवता नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन हैं। सावन के पवित्र महीने में शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव से जुड़ी कुछ बातें ऐसी हैं जो बहुत कम लोगों को पता होती हैं? आइए जानते हैं शिव जी के 7 अनजाने और रोचक रहस्य।
भगवान शिव की कितनी पत्नियां थीं?
भगवान शिव की पहली पत्नी माता सती थीं, जो प्रजापति दक्ष की बेटी थीं। सती के यज्ञकुंड में कूदने के बाद वे पार्वती के रूप में दोबारा जन्मीं। इसके अलावा कई जगहों पर गंगा, उमा और काली को भी शिव की पत्नी माना जाता है। कुछ पौराणिक कहानियों में इनका अलग-अलग रूप में उल्लेख मिलता है।
शिव जी के कितने बेटे थे?
भगवान शिव के दो मुख्य पुत्र कार्तिकेय और गणेश थे। गणेश जी का जन्म माता पार्वती के उबटन से हुआ था। कार्तिकेय युद्ध के देवता माने जाते हैं। इसके अलावा सुकेश, जलंधर, अय्यप्पा, भूमा, अंधक और खुजा जैसे कुछ और पुत्रों का भी पौराणिक ग्रंथों में जिक्र है।
शिव जी के प्रमुख शिष्य कौन थे?
भगवान शिव के सबसे पहले और प्रमुख शिष्य सप्तऋषि माने जाते हैं। इनके अलावा बृहस्पति, शुक्र, भरद्वाज, प्राचेतस मनु आदि को भी शिष्य माना जाता है। इन्हीं शिष्यों ने पूरी दुनिया में शिव के ज्ञान को फैलाया और गुरु-शिष्य परंपरा की शुरुआत की।
क्या भगवान शिव ही बुद्ध थे?
कुछ विद्वानों का मानना है कि भगवान शिव ने ही एक समय में बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। कुछ प्राचीन बौद्ध ग्रंथों में शिव को शणंकर और मेघंकर जैसे नामों से भी बुलाया गया है, जिससे ये संकेत मिलता है कि बुद्ध और शिव कहीं न कहीं जुड़े हुए हो सकते हैं।
शिव और शंकर – क्या एक ही हैं?
कई लोग मानते हैं कि शिव एक निराकार शक्ति हैं जिन्हें शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है, जबकि शंकर उनका साकार रूप हैं। शंकर को योगी, तपस्वी और ध्यानमग्न अवस्था में दिखाया जाता है। इसलिए कुछ मान्यताओं में शिव और शंकर को अलग-अलग रूप माना गया है।
हर युग में शिव ने दिए दर्शन
शिव जी सिर्फ एक काल के नहीं, बल्कि हर युग में लोगों को दर्शन देते रहे हैं। सतयुग में समुद्र मंथन के समय, त्रेता युग में भगवान राम के समय और द्वापर युग में महाभारत के समय भी उनका जिक्र आता है। कलियुग में भी कई संतों और राजाओं को उनके दर्शन होने की मान्यता है।
आदिवासियों और वनवासियों के आराध्य
भारत के आदिवासी, राक्षस, गंधर्व, यक्ष और कई समुदाय भगवान शिव को ही अपना आराध्य मानते हैं। शैव धर्म को भारत का पुराना धर्म माना जाता है, जिससे नाथ, लिंगायत, कालभैरव, पाशुपत, कापालिक, दसनामी, नाग और लकलिश जैसे कई पंथ जुड़े हुए हैं।
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