Home > देश > ताजमहल को कैलाश विजयवर्गीय ने बताया मंदिर, कुमार विश्नास ने कहा ‘सफेद रंग का कब्रिस्तान’, अब इमरान प्रतापगढ़ी बोले- ‘ये मान लो इस मुल्क…’

ताजमहल को कैलाश विजयवर्गीय ने बताया मंदिर, कुमार विश्नास ने कहा ‘सफेद रंग का कब्रिस्तान’, अब इमरान प्रतापगढ़ी बोले- ‘ये मान लो इस मुल्क…’

Taj Mahal Controversy: आगरा में स्थित ताजमहल इन दिनों फिर से सुर्खियों में है. एमपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ताजमहल को मंदिर बताया तो वहीं कवि कुमार विश्वास ने इसे 'सफेद रंग का कब्रिस्तान' कहा. अब कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस पर कविता से जवाब दिया है.

By: Hasnain Alam | Published: December 27, 2025 11:54:39 PM IST



Taj Mahal News: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में बना रहता है. कई बार इसे लेकर यहां तक कर दिया जाता है कि यह असल में एक हिंदू मंदिर तेजोमहालय है, जिसे शाहजहां ने मकबरे में बदल दिया था. कुछ दिनों पहले ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी ताजमहल को लेकर कुछ ऐसा ही बयान दिया था.

बीते बुधवार यानी 24 दिसंबर को सागर जिले के बीना में राकेश सिरोठिया की स्मृति में क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया गया था. इस टूर्नामेंट के शुभारंभ के लिए पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ताजमहल पहले मंदिर के रूप में बनाया जा रहा था, जिसे बाद में शाहजहां ने मुमताज का मकबरा बना दिया.

कुमार विश्नास ने ताजमहल को कहा ‘सफेद रंग का कब्रिस्तान’

इस पर बयानबाजी जारी ही थी कि इसके बाद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कवि कुमार विश्वास ने भी इशारों-ही इशारों में ताजमहल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नए साल से पहले पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि युवा आगरा के एक सफेद रंग के कब्रिस्तान को देखने के बजाय बड़ी संख्या में अयोध्या और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं.

कुमार विश्वास ने आगे कहा कि यह बदलाव समाज में स्वाभाविक रूप से हो रहा है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है.

इमरान प्रतापगढ़ी ने ‘मैं ताजमहल हूं’ कविता से दिया जवाब

इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी बिना नाम लिए इन दोनों बयान का ‘मैं ताजमहल हूं’ कविता से जवाब दिया है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कविता पढ़ी- “जब नाम मेरा आये तो इठलाते भी हो तुम, और हद है कि तारीख को झुठलाते भी हो तुम, दुनिया से कोई आये तो लाकर मेरे दर पर, मुझको ही बड़ी शान से दिखलाते भी हो तुम. ये मान लो इस मुल्क का मैं आज हूं कल हूं, मैं ताजमहल, मैं ताज महल, मैं ताज महल हूं.”

इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से इमरान प्रतापगढ़ी ने यह भी कहा कि ताजमहल आज कह रहा है और किससे कह रहा है, यह भी पता है आपको. फिलहाल आने वाले दिनों में इस पर और बयान आने की संभावना है.

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