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डॉक्टरों ने कर दिखाया करिश्मा! महिला का कटा हुआ कान पहले पैर पर उगाया, फिर वापस सिर पर लगाया; दुनिया देखकर दंग!

डॉक्टरों का चमत्कार! भयानक हादसे में कटा महिला का कान, जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उसे पैर पर लगाया और फिर सर्जरी कर वापस सिर पर जोड़ा. देखिए ये हैरान करने वाला मामला!

By: Shivani Singh | Published: December 27, 2025 6:48:28 PM IST



चीनी डॉक्टरों ने दुनिया का ऐसा एक पहला सफल ऑपरेशन किया है जिसमें एक महिला का कटा हुआ कान उसके पैर पर लगाया गया और फिर उसे वापस उसके सिर पर जोड़ दिया गया. जी हाँ आप सही पढ़ रहे हैं. कान को जिन्दा रखने के लिए अस्थायी तौर पर पहले पैर से जोड़ा गया फिर उसे वापस से उसके स्थान पर सफलतापूर्वक लगा दिया गया. आइये आपको बताते हैं आखिरी पूरा माजरा क्या है?

महिला के साथ वर्क प्लेस पर हुआ था भयानक हादसा

दरअसल एक महिला को उसके वर्कप्लेस पर हादसे में गंभीर चोटें आईं जिसमें एक भारी मशीनरी से उसका कान और सिर का एक बड़ा हिस्सा फट गया. मेडिकल न्यूज़ सोशल मीडिया अकाउंट Yixue Jie (जिसे Med J के नाम से भी जाना जाता है) ने इस मामले की रिपोर्ट की. 

SCMP के अनुसार, जिनान के शेडोंग प्रांतीय अस्पताल में माइक्रो सर्जरी यूनिट के डिप्टी डायरेक्टर किउ शेनकियांग ने कहा कि महिला की चोटें जानलेवा थीं. सिर की त्वचा, गर्दन और चेहरे की त्वचा फट गई थी और “कई टुकड़ों में बंट गई थी जबकि कान शरीर से बिलकुल अलग हो गया था.

जब मरीज़ अस्पताल पहुंचा तो रिकंस्ट्रक्टिव माइक्रो सर्जरी टीम के डॉक्टरों ने तुरंत पुराने तरीकों से सिर की त्वचा को ठीक करने की कोशिश की लेकिन सिर की त्वचा के टिशू और उसके वैस्कुलर नेटवर्क को हुए बड़े नुकसान के कारण यह उपाय सफल नहीं पाई. चूंकि खोपड़ी के टिशू को ठीक होने में समय चाहिए था इसलिए सर्जन तुरंत कान को दोबारा नहीं जोड़ पाए. इससे टीम को कटे हुए कान को तब तक ज़िंदा रखने का एक नया तरीका ढूंढना पड़ा जब तक कि रिकंस्ट्रक्शन संभव न हो जाए. तभी उन्होंने एक उपाय ढूंढ निकला

कान बचाने के लिए बड़ा फैसला

किउ की टीम ने आखिरकार कान को मरीज़ के पैर के ऊपरी हिस्से पर लगाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि पैर की धमनियां और नसें सही आकार की थीं और कान की नसों के साथ बहुत अच्छी तरह से मेल खाती थीं. त्वचा और मुलायम टिशू भी सिर की तरह ही पतले थे, जिससे ट्रांसप्लांटेशन के बाद बहुत कम एडजस्टमेंट की ज़रूरत पड़ी.

इस प्रक्रिया का कोई उदाहरण या दस्तावेज़ में दर्ज सफल मामला नहीं था। शुरुआती ग्राफ्टिंग ऑपरेशन 10 घंटे तक चला. सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक कान की बहुत पतली रक्त वाहिकाओं को जोड़ना था, जिनका व्यास सिर्फ 0.2 से 0.3 मिमी था, यह एक ऐसा काम था जिसके लिए असाधारण माइक्रो सर्जिकल कौशल की आवश्यकता थी.

पांच दिन बाद, टीम को एक और संकट का सामना करना पड़ा जब वीनस रिफ्लक्स ने रक्त प्रवाह को बाधित कर दिया जिससे कान बैंगनी-काला हो गया। इसे बचाने के लिए डॉक्टरों ने पांच दिनों में लगभग 500 बार मैन्युअल रूप से खून निकाला.

इस बीच SCMP ने बताया कि मरीज़ के पेट से ली गई त्वचा का उपयोग करके उसके सिर की त्वचा का रिकंस्ट्रक्शन किया गया. पांच महीने से ज़्यादा समय बाद जब सूजन कम हो गई और सर्जरी की सभी जगहें ठीक हो गईं तो टीम ने अक्टूबर में छह घंटे के ऑपरेशन में कान को सफलतापूर्वक दोबारा जोड़ दिया.

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