Natasha Poonawalla Pink Diamond Ring: लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम के ऐतिहासिक गलियारों में, झूमरों की मद्धम रोशनी के बीच, फ्रांस के शाही इतिहास का एक पन्ना एक बार फिर दुनिया के सामने खुला. मौका था ईशा अंबानी द्वारा आयोजित ‘पिंक बॉल’ का, जहाँ दुनिया भर की नामचीन हस्तियां जुटी थीं. लेकिन उस शाम सबकी निगाहें किसी हस्ती पर नहीं, बल्कि एक नायाब गहने पर टिकी थीं. नताशा पूनावाला की उंगली में चमकती एक शानदार गुलाबी हीरे की अंगूठी. लगभग ₹126 करोड़ की यह अंगूठी महज जेवर नहीं, बल्कि वक्त के साथ बदलती और संवरती एक ऐतिहासिक विरासत है.
इतिहास और आधुनिकता का अनूठा संगम
ब्रिटिश म्यूजियम, जो खुद सदियों पुरानी कहानियों का संरक्षक है, इस खास शाम के लिए सबसे सटीक मंच था. ईशा अंबानी की इस ‘पिंक बॉल’ में जहाँ एक तरफ आधुनिक दौर का सेलिब्रिटी कल्चर था, वहीं दूसरी तरफ सदियों पुराने रत्नों की गरिमा. नताशा पूनावाला द्वारा पहनी गई यह अंगूठी इस माहौल में बिल्कुल फिट बैठ रही थी एक ऐसा रत्न जो राजशाही दौर से निकलकर आज के ‘ट्रेंड’ का हिस्सा बन गया है.
सिर्फ सुर्खियां नहीं, एक ‘कस्टोडियन’
अक्सर नताशा पूनावाला का नाम उनके बोल्ड फैशन और रेड कार्पेट लुक्स के लिए लिया जाता है, लेकिन उनके व्यक्तित्व का एक और गंभीर पहलू भी है. दुनिया की सबसे बड़ी बायोटेक कंपनियों में से एक की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर, वह जितनी सहज बिजनेस की दुनिया में हैं, उतनी ही पारखी वह कला और इतिहास की भी हैं. इस ‘मैरी-थेरेस पिंक डायमंड रिंग’ को पहनना सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक कलाकृति के प्रति सम्मान और उसकी देखभाल (Custodianship) की जिम्मेदारी को दर्शाता है. उनका स्टाइल हमेशा कुछ कहता है, और इस बार वह एक पुराने फ्रांसीसी लहजे में बात कर रही थीं.
क्या है इस अंगूठी की खासियत?
इस अंगूठी से जुड़ी बातें किसी फिल्मी कहानी जैसी रोमांचक हैं, इसके केंद्र में 10.38 कैरेट का ‘फैंसी पर्पल-पिंक’ डायमंड है. इस रंग का हीरा मिलना अपने आप में दुर्लभ है. इसका ‘मॉडिफाइड काइट ब्रिलियंट’ कट इसे दुनिया के दूसरे हीरों से अलग और बेहद आकर्षक बनाता है. यह हीरा कभी फ्रांस की रानी मैरी एंटोनेट के पास था, जो बाद में उनकी बेटी मैरी-थेरेस को मिला. क्रांतियों और गुमनामी के दौर से गुजरते हुए भी यह पत्थर आज सुरक्षित है.
मशहूर ज्वैलर JAR (जोएल आर्थर रोसेंथल) ने इसे एक नया रूप दिया है. ऐतिहासिक पत्थर को काले प्लैटिनम बैंड पर जड़ा गया है, जिस पर छोटे हीरों की बारीकी है. काले मेटल और गुलाबी हीरे का यह विरोधाभास (Contrast) इसकी खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है.
जून 2025 में न्यूयॉर्क के क्रिस्टीज़ (Christie’s) नीलामी घर में यह अंगूठी अपनी अनुमानित कीमत से दोगुनी, यानी लगभग 13.98 मिलियन डॉलर (126 करोड़ रुपये) में बिकी थी.
विरासत का सफर
इस अंगूठी की कहानी सिर्फ रुपयों तक सीमित नहीं है. वह हीरा जो कभी एक रानी की शोभा था, आज एक ऐसी महिला के पास है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और परोपकार के कार्यों से जुड़ी है. यह बदलाव एक दिलचस्प सवाल भी खड़ा करता है कि इतिहास को संजोने का हक किसका है? पिंक बॉल के निजी आयोजन में भी इस अंगूठी ने नीलामी घर, म्यूजियम और निजी संग्रह के बीच एक संवाद कायम किया.
सादगी में भव्यता
तस्वीरों में नताशा का अंदाज बेहद संतुलित नजर आया. उन्होंने इस बेशकीमती अंगूठी को अपने लुक पर हावी नहीं होने दिया, बल्कि उसे अपनी पूरी साज-सज्जा का केंद्र बिंदु बनाया. जब आप इतनी ऐतिहासिक चीज पहनते हैं, तो कम बोलना ही सबसे प्रभावशाली होता है.
निष्कर्ष कुछ चीजें अपनी भौतिक कीमत से कहीं बड़ी होती हैं क्योंकि उनमें सदियों की यादें और कारीगरी बसी होती है. नताशा पूनावाला ने उस रात केवल एक अंगूठी नहीं पहनी थी, बल्कि वह इतिहास और आधुनिकता के बीच की एक कड़ी (Modern Link) बनकर उभरीं.