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Sara Ali Khan: ‘मैं भाग…’, सारा अली खान ने ब्रेकअप को लेकर कही ऐसी बात..!

दिल टूटने के बाद हर इंसान का तरीका अलग होता है. कुछ लोग अकेले रहकर, प्रकृति के पास जाकर या पसंदीदा कामों में मन लगाकर खुद को संभालते हैं. ये दूरी दर्द से उबरने और खुद को फिर से समझने में मदद करती है.

By: sanskritij jaipuria | Published: December 26, 2025 10:52:06 AM IST



दिल टूटना या किसी अपने से दूरी बन जाना आसान नहीं होता. हर इंसान इससे निपटने का अपना तरीका ढूंढता है. कोई बात करके हल निकालता है, तो कोई चुप हो जाता है. एक्ट्रेस सारा अली खान ने हाल ही में बताया कि जब उन्हें किसी से झगड़ा होता है या मन भारी लगता है, तो वो अक्सर खुद से दूर चली जाती हैं. उनका कहना है कि वो टकराव से बचती हैं और अकेले रहना पसंद करती हैं. ये आदत सिर्फ रिश्तों में नहीं, बल्कि परिवार के छोटे झगड़ों में भी दिखाई देती है.

कई लोग इसे भागना समझते हैं, लेकिन असल में ये खुद को संभालने का तरीका हो सकता है. जब भावनाएं बहुत भारी हो जाती हैं, तब कुछ लोग शांति वाली जगह ढूंढते हैं. पहाड़, प्रकृति या कोई शांत माहौल उन्हें सोचने और खुद को समझने में मदद करता है. ये दूरी हमेशा दुख से जुड़ी नहीं होती, बल्कि मन को सुकून देने का एक तरीका होती है.

यादों से थोड़ा ब्रेक लेना क्यों जरूरी है

बार-बार पुराने पलों को याद करना दर्द को बढ़ा सकता है. ऐसे में कुछ समय के लिए उन यादों से दूरी बनाना मददगार होता है. इसका मतलब यह नहीं कि इंसान सब भूल जाना चाहता है, बल्कि वो खुद को बार-बार उसी तकलीफ में नहीं डालना चाहता. ये दूरी धीरे-धीरे मन को हल्का करती है.

कठिन समय में अपने लिए कुछ छोटे नियम या आदतें बनाना भी सहारा देता है. जैसे अकेले टहलना, लिखना, संगीत सुनना या प्रकृति के बीच समय बिताना. ये आदतें इंसान को ये एहसास दिलाती हैं कि उसके जीवन पर उसका अब भी नियंत्रण है.

 दर्द से ध्यान हटाकर पसंद की चीजों पर फोकस

जब इंसान सिर्फ दुख पर ध्यान देता है, तो वो और गहरा हो जाता है. लेकिन अगर वही ऊर्जा किसी पसंदीदा काम में लगाई जाए, तो मन धीरे-धीरे संभलने लगता है. पढ़ाई, काम, कला या कोई शौक ये सब मन को नई दिशा देते हैं.

खुद को फिर से पहचानना

रिश्ता टूटने के बाद कई बार इंसान खुद को खोया हुआ महसूस करता है. ऐसे समय में खुद के साथ वक्त बिताना जरूरी हो जाता है. ये समय आत्मविश्वास लौटाने और ये समझने में मदद करता है कि इंसान सिर्फ किसी रिश्ते से नहीं, बल्कि अपनी पहचान से भी बना होता हैय

दिल टूटने से उबरने का कोई एक सही तरीका नहीं होता. किसी के लिए बात करना जरूरी है, तो किसी के लिए थोड़ी दूरी. जरूरी ये है कि इंसान खुद को समझे और वही रास्ता चुने जो उसे धीरे-धीरे ठीक होने में मदद करे.

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