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Naxali Ganesh Uikey Encounter: ओडिशा के कंधमाल में बड़ी मुठभेड़, मारा गया माओवादी नेता गणेश उइके, 1.20 करोड़ रुपये का था इनाम

Naxali Ganesh Uikey Encounter News: ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. इसमें सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. मुठभेड़ में माओवादियों के बड़े नेता गणेश उइके मारा गया है.

By: Hasnain Alam | Last Updated: December 25, 2025 3:35:37 PM IST



Odisha Naxali Ganesh Uikey Encounter: ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. खुफिया शाखा (SIW) से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर कंधमाल के चकापाद थाना क्षेत्र और गंजाम जिले की सीमा से सटे रंभा वन क्षेत्र में संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान चलाया गया. इस अभियान में एसओजी, सीआरपीएफ और बीएसएफ की कुल 23 टीमें शामिल रहीं.

अभियान के दौरान अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. इसके बाद इलाके की गहन तलाशी में चार वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं. घटनास्थल से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल भी जब्त की गई है.

गणेश उइके भी मारा गया

मारे गए माओवादियों में एक की पहचान गणेश उइके के रूप में हुई है, जो माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य था और ओडिशा में संगठन की गतिविधियों का प्रमुख माना जाता था. उस पर 1.20 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस के अनुसार गणेश उइके की उम्र लगभग 69 वर्ष थी और वह रूपा, राजेश तिवारी, चम्रू तथा पक्का हनुमंतु जैसे नामों से भी जाना जाता था. वह तेलंगाना के नलगोंडा जिले का निवासी था.

उइके छत्तीसगढ़ में 2013 के झीरम घाटी नरसंहार का मास्टरमाइंड था, जिसमें कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मारे गए थे और वह कई राज्यों में कई हाई-प्रोफाइल माओवादी हमलों में शामिल था. पिछले तीन सालों से वह ओडिशा के कंधमाल क्षेत्र में काम कर रहा था, गुरिल्ला गतिविधियों का समन्वय कर रहा था और माओवादी नेटवर्क को मजबूत कर रहा था.

माओवादी गतिविधियों को बड़ा झटका

इसके अलावा अन्य तीन माओवादियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि इलाके में अब भी सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, ताकि किसी अन्य माओवादी की मौजूदगी की पुष्टि की जा सके. इस मुठभेड़ को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, जिससे क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों को बड़ा झटका लगा है.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार कहा है कि मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद का खतरा खत्म कर दिया जाएगा. इसे लेकर लगातार अभियान जारी है.

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