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Saptapadi: सात फेरे क्यों लिए जाते हैं? जानें सप्तपदी का अर्थ, विधि और धार्मिक महत्व

By: Tavishi Kalra | Published: December 10, 2025 9:14:04 AM IST



Saptapadi: सप्तपदी हिंदू विवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसका अर्थ है ‘सात’ और ‘कदम’, संस्कृत में ‘सप्त’ का अर्थ है ‘सात’ और ‘पदी’ का अर्थ है ‘कदम’. पति और पत्नी शादी के इस प्यार से बंधन में एक दूसरे के साथ सात कदम तक चलने के वचन निभाते हैं. इस दौरान अग्नि को साक्षी मान कर मंत्रों के साथ सात फेरे लिए जाते हैं और एक दूसरे को पति -पत्नी जीवनभर साथ निभाने के लिए सात वचन देते हैं. इन वचनों के साथ सात फेरे लेने के बाद विवाह को पूर्ण माना जाता है.

सप्तपदी का अर्थ (Meaning of Saptapadi)

सप्तपदी हिंदू धर्म में वैदिक विवाह का एक जरूरी अंग है. इसके बिना हिंदू विवाह अधूरा माना गया है. हिंदू विवाह में जब कर सात फेरें ना लिए जाए तब तक विवाह पूर्ण नहीं माना जाता. सप्तपदी विवाह के सात वचनों का प्रतीक है. 

सप्तपदी का अर्थ सात कदम क्यों?

सप्तपदी का अर्थ ‘सात कदम’ क्यों है? हिंदू धर्म में, सात को एक शुभ और पूर्ण अंक माना जाता है. जिस प्रकार से इंद्रधनुष में सात रंग हैं, संगीत में सात स्वर हैं, उसी प्रकार हिंदू विवाह में सात फेरें या सात कदम हैं जो वैवाहिक बंधन को पूर्ण बनाते हैं. सप्तपदी के बाद दूल्हा और दुल्हन को ईश्वर और समाज की नजर में पति-पत्नी माना जाता है.

सप्तपदी का महत्व

किसी भी विवाह का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है सप्तपदी. अग्नि तो हमारे चार तत्वों में से एक हैं, उसे साक्षी मानकर एक दूसरे के साथ उम्र भर हंसी, खुशी, दुख, सुख, जिम्मेदारी और परिवार को संभालने का प्रण लेना और इस कार्य की प्रतिज्ञा लेना ही सप्तपदी है. यह विवाह में 7 वचनों से जुड़ा है, विवाह का हर वचन बहुत गहरा है.  इन वचनों को लेने के बाद दुल्हन वर के वामांग (बाईं ओर) बैठती है. सप्तपदी सफल और सुखी वैवाहिक जीवन की आधारशिला रखता है.

सप्तपदी के सात वचन किसका प्रतीक हैं?

1.पोषण और कल्याण
सप्तपदी के पहले संकल्प में पति पत्नी एक दूसरे के कल्याण और पोषण, देखभाल करने का वचन देते हैं.

2.शक्ति और समृद्धि
सप्तपदी का दूसरा वचन एक-दूसरे के साथ  हर मुश्किल घड़ी में खड़े रहने का प्रतीक है. साथ ही एक दूसरे को शक्ति और समृद्धि को बढ़ाने का प्रतीक है.

3.विश्वास और निष्ठा
शादी के समय तीसरा फेरा  दूल्हा और दुल्हन निष्ठावान और एक-दूसरे पर पूर्ण विश्वास करने की प्रतिज्ञा करते हैं.

4.सम्मान और खुशी
विवाह के समय लिया गया चौथा फेरा एक-दूसरे के सम्मान और रिश्ते में खुशी और सद्भाव को बढ़ावा देने के वादे का प्रतिनिधित्व करता है.

5.परिवार और संतान
पांचवा फेरा सुखी पारिवारिक जीवन और स्वस्थ संतान की प्रार्थना करते हैं.

6.स्वास्थ्य और दीर्घायु
छठा फेरा एक साथ लंबे, स्वस्थ जीवन और खुशी के साथ एक-दूसरे  के साथ रहने की कामना का प्रतिनिधित्व करता है.

7.मित्रता और साथ
सातवां और अंतिम वचन एक-दूसरे के साथ मित्रता, प्रेम और साथ का वादा है क्योंकि युगल जीवन की यात्रा पर एक साथ आगे बढ़ते हैं.

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