Tax On Gifts: हम सभी अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों को समय-समय पर गिफ्ट देते रहते हैं. गिफ्ट इमोश्ंस को व्यक्त करने का सुंदर तरीका है. लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ उपहारों पर टैक्स भी देना पड़ सकता है? अक्सर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि आयकर विभाग के अनुसार उपहार भी कई बार ‘आय’ की तरह माने जाते हैं. इसलिए ये जानना जरूरी है कि कौन-से गिफ्ट टैक्स-फ्री हैं और किन पर टैक्स लग सकता है.
इस लेख में हम सरल और विस्तृत तरीके से समझेंगे कि भारत में उपहारों पर टैक्स कैसे लगता है.
रिश्तेदारों से मिले उपहार टैक्स-फ्री
सरकार ने साफ नियम बनाए हैं: अगर आप अपने किसी रिश्तेदार से कोई उपहार (चाहे धन हो या संपत्ति) लेते हैं, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता. लेकिन “रिश्तेदार” कौन? आयकर नियमों के अनुसार रिश्तेदारों की एक लिस्ट दी गई है. किस-किस को रिश्तेदार माना जाता है?
आपका पति या पत्नी
आपके भाई-बहन
आपकी पत्नी/पति के भाई-बहन
आपके माता या पिता के भाई-बहन
आपके और आपके पति/पत्नी के सीधे पूर्वज (जैसे दादा-दादी, नाना-नानी)
आपके और आपके पति/पत्नी के सीधे वंशज (जैसे बच्चे, पोते-पोतियां)
ऊपर दिए गए सभी लोगों के पति-पत्नी
जरूरी: मित्र (Friends) को रिश्तेदार नहीं माना जाता, इसलिए दोस्तों से मिले महंगे उपहार पर टैक्स लग सकता है.
गैर-रिश्तेदारों से ₹50,000 से ज्यादा पर टैक्स
अगर आप किसी गैर-रिश्तेदार (जैसे दोस्त, ऑफिस कलीग, पड़ोसी आदि) से पूरे साल में ₹50,000 से ज्यादा मूल्य का उपहार प्राप्त करते हैं, तो वो राशि आपकी आय में जोड़ दी जाएगी और आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा.
उदाहरण: अगर आपकी दोस्त ने जन्मदिन पर आपको ₹70,000 नकद दिए, तो ₹70,000 आपकी आय में शामिल होगा और उस पर टैक्स लगेगा.
शादी के समय मिले गिफ्ट पूरी तरह टैक्स-फ्री
शादी जीवन का खास अवसर है, इसलिए टैक्स कानून भी इस मौके को विशेष मानता है. विवाह के अवसर पर मिले हर प्रकार के उपहार पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं- चाहे वो नकद हो, चेक हो, सोना-चांदी हो, कार हो या जमीन-जायदाद और ये मायने नहीं रखता कि गिफ्ट रिश्तेदार ने दिया है या किसी दोस्त, सहकर्मी या जान-पहचान वाले ने.
सिर्फ एक चीज ध्यान रखें: ये छूट केवल अपने विवाह पर मिले गिफ्ट पर लगेगी, जन्मदिन, सालगिरह, गृह प्रवेश या अन्य अवसरों पर मिले उपहार टैक्स-फ्री नहीं हैं.
अचल संपत्ति (जमीन/मकान) पर टैक्स नियम
अगर आप जमीन, फ्लैट, प्लॉट या मकान उपहार में पाते हैं, तो ध्यान रखने वाली बातें: रिश्तेदार से मिले तो टैक्स नहीं.चाहे संपत्ति कितनी भी कीमती हो, टैक्स नहीं लगता.
गैर-रिश्तेदार से मिले तो टैक्स लगेगा यदि तीन शर्तें पूरी होती हों संपत्ति आपको बिना किसी भुगतान के मिली है, वो एक कैपिटल एसेट है और उसकी स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू ₹50,000 से ज्यादा है. उदाहरण- यदि किसी दोस्त ने आपको ₹10 लाख की जमीन गिफ्ट की, तो पूरी ₹10 लाख राशि आपकी आय मानी जाएगी और टैक्स लगेगा.
चल संपत्ति (Movable Property) पर टैक्स नियम
चल संपत्ति का मतलब है ऐसी चीजें जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह लाया-ले जाया जा सकता है, जैसे:
सोना-चांदी
आभूषण
शेयर/सिक्योरिटीज
पेंटिंग
मूर्तियाँ या कला का काम
महंगी संग्रहणीय चीजें
वर्चुअल डिजिटल एसेट (Crypto आदि)
रिश्तेदार से मिली चल संपत्ति पर टैक्स नहीं
लेकिन गैर-रिश्तेदार से मिले ऐसे उपहार पर तब टैक्स लगेगा अगर कुल मूल्य ₹50,000 से ज्यादा हो. उदाहरण किसी दोस्त ने आपको ₹60,000 का सोने का पेंडेंट दिया, तो ₹60,000 आपकी आय मानी जाएगी.
HUF के लिए उपहारों के टैक्स नियम
HUF (Hindu Undivided Family) के लिए भी खास नियम बने हैं.
निम्न स्थितियों में टैक्स नहीं लगता:
परिवार के किसी सदस्य की शादी पर मिला धन
वसीयत या विरासत में मिले पैसे
दानकर्ता की मृत्यु के पूर्व या निकट समय में मिली धनराशि
स्थानीय निकाय या कुछ खास संस्थानों से प्राप्त धन
शिक्षा/चिकित्सा/धार्मिक ट्रस्ट से मिला धन (कुछ शर्तों सहित)
कंपनियों के अमलगमेशन, डिमर्जर आदि में मिला धन
यदि कोई व्यक्ति किसी ट्रस्ट को धन देता है जो केवल उस व्यक्ति के रिश्तेदारों के लाभ के लिए बनाया गया हो