US Ukraine Russia policy: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को खुश करने के लिए बड़ा गेम खेला है। आपको बता दें कि अमेरिका ने यूक्रेन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह रूस की सीमाओं के भीतर अमेरिकी ATACMS लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसके बाद यूक्रेन के हाथ डोनाल्ड ट्रम्प ने बाँध दिए हैं। एक ओर अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई गुप्त बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर पेंटागन द्वारा चुपचाप की गई एक रणनीतिक पहल ने यूक्रेन के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
आपको बताते चलें कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह रूस की सीमाओं के भीतर अमेरिकी ATACMS लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं कर सकता। यानी यूक्रेन को अब इन घातक हथियारों का इस्तेमाल केवल रक्षात्मक कार्रवाइयों तक ही सीमित रखना होगा। इस फैसले को रूस के प्रति एक सॉफ्ट संकेत माना जा रहा है।
ट्रम्प कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं?
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि “आक्रामकता का जवाब केवल रक्षा से नहीं दिया जा सकता।” उनके इस बयान को यूक्रेन को रूस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की छूट के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन पेंटागन का हालिया फ़ैसला ट्रंप की इस धारणा के बिलकुल उलट दिखाई दे रहा है। इससे यह सवाल उठना अब लाजमी है कि आखिर अमेरिका की रूस-यूक्रेन नीति के पीछे असली रणनीति क्या है?
मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत कराने की कोशिश की थी, लेकिन रूस ने इस संभावना को खारिज कर दिया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ़ तौर पर कहा है कि “फ़िलहाल किसी भी शिखर सम्मेलन का कोई एजेंडा नहीं है।” इस बीच, ट्रंप ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों या टैरिफ़ के नए प्रस्तावों की बात की है, और यहाँ तक कहा है कि “यह आपकी लड़ाई है”, जिससे यह संदेश जाता है कि अमेरिका अब धीरे-धीरे यूक्रेन का समर्थन वापस ले सकता है।
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रूसी हमलों में आम नागरिक गँवा रहे हैं अपनी जान
राजनीतिक मोर्चे पर भले ही शांति की बातें चल रही हों, लेकिन ज़मीनी स्तर पर स्थिति बेहद भयावह है। 23 अगस्त को रूस ने यूक्रेन के द्निप्रोपेत्रोव्स्क ओब्लास्ट पर हवाई बमों और ड्रोन से हमला किया, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। निकोपोल ज़िले में गैस पाइपलाइन और बिजली आपूर्ति भी क्षतिग्रस्त हो गई।
21 अगस्त को, पश्चिमी यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया गया, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 26 घायल हो गए। खेरसॉन में नागरिकों को निशाना बनाते हुए रूसी एफपीवी ड्रोन के वीडियो भी सामने आए हैं।
अमेरिका की भूमिका
अब जबकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय खुद यूक्रेन की आक्रामक क्षमताओं पर सीमाएँ तय कर रहा है, यह स्पष्ट है कि अमेरिका की युद्ध नीति अब दोराहे पर खड़ी है। व्हाइट हाउस और पेंटागन, दोनों ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यूक्रेनी सरकार भी फिलहाल चुप है।
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