Indus Water Treaty Suspended : अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से कुटनीतिक स्ट्राइक करते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान का पानी रोक दिया था। इस फैसले के बाद पड़ोसी देश में हड़कंप मच गया। वहां के नेता और बड़े सैन्य अधिकारी हिंदुओं का खून बहाने और जंग की धमकी देने लगे। लेकिन भारत को इससे फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद पाक ने दुनिया के बड़े मंचों पर ये मुद्दा उठाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दुनियाभर में हाथ-पांव मारने और रोना-पीटना मचाने के बाद अब शहबाज सरकार ने नई योजना बनाई है।
दरअसल, पाक पीएम ने मंगलवार (1 जुलाई 2025) को भारत पर पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। शाहबाज शरीफ का कहना है कि डायमर भाषा बांध और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता बनाई जाएगी।
डायमर भाषा बांध को लेकर PAK की नई योजना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के कोहिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान के डायमर जिले के बीच डायमर भाषा बांध बनाया जा रहा है। इस बांध का निर्माण इमरान खान सरकार के दौरान शुरू हुआ था। उस समय भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसे अवैध क्षेत्र में बनाया जा रहा था। वहां के स्थानीय लोगों ने भी बांध का विरोध किया था। शाहबाज शरीफ ने कहा है कि वर्ष 1991 में प्रांतों के बीच हुए जल समझौते में जल क्षमता बढ़ाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि हम अपने संसाधनों से अगले साल तक इसका निर्माण कर लेंगे।
सिंधु जल संधि को लेकर PAK ने कहां-कहां बहाए आंसू
पहले तो उसने युद्ध की धमकी देकर भारत को डराने की कोशिश की, जब वह काम नहीं आया तो वह दुनिया भर में घूम-घूम कर रोना रोया और अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल करके भारत पर दबाव भी बनाया, लेकिन उसकी यह चाल भी सफल नहीं हो सकी। विश्व बैंक ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि चूंकि यह उसके और भारत के बीच का मामला है, इसलिए उसे इसे बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए।
वहीं, भारत का कहना है कि पहले पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और आतंकवाद का मुद्दा सुलझाया जाएगा, उसके बाद ही किसी अन्य मुद्दे पर बात की जाएगी। इन सभी चालों के विफल होने के बाद पाकिस्तान ने जल भंडारण क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है।

