North Korea-Russia Relations: रूस-युक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन खुले तौर पर रूस के समर्थन में उतर आए हैं। किम जोंग-उन ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करते हुए यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध में रूस द्वारा उठाए गए सभी कदमों के प्रति समर्थन जताया। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। योनहाप समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बताया कि किम ने शनिवार को लावरोव के साथ बैठक में यह टिप्पणी की।
केसीएनए ने कहा कि किम जोंग-उन ने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच रक्षा समझौते के तहत उत्तर कोरिया, यूक्रेन संकट के मूल कारणों से निपटने के लिए रूसी नेतृत्व द्वारा उठाए गए सभी कदमों का बिना शर्त समर्थन और प्रोत्साहन करेगा।
केसीएनए ने किम के हवाले से कहा कि दोनों देश अपने गठबंधन के स्तर के अनुरूप सभी रणनीतिक मुद्दों पर समान विचार रखते हैं और यह दोनों देशों के बीच स्थापित उच्च रणनीतिक स्तर को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, लावरोव ने राजनयिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संवाद की सराहना की। इसके साथ ही, उन्होंने रणनीतिक और सामरिक सहयोग को और मज़बूत करने तथा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ठोस कार्रवाइयों को तेज़ करने की मंशा जताई। अब सवाल यह है कि दुनिया के दो बड़े तानाशाहों के साथ आने से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और बाकी देशों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
दो तानाशाह अपने हितों की रक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच हुई बैठक में, दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने का फ़ैसला किया। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के अनुसार, दोनों देश अपने हितों की रक्षा और आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन का गर्मजोशी भरा संदेश किम को दिया और किम ने भी पुतिन को एक दोस्ताना संदेश भेजा। दोनों नेताओं ने जल्द ही सीधे संपर्क की उम्मीद जताई। इसके अलावा, उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चोई सोन-हुई और लावरोव के बीच हुई बातचीत में, दोनों देशों ने लंबे समय तक अपनी साझेदारी जारी रखने का आश्वासन दिया।
दोनों देशों के बीच ट्रंप के लिए चुनौती
रूस ने उत्तर कोरिया की वर्तमान स्थिति को नकारने के प्रयासों का विरोध किया और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा एवं संप्रभुता के प्रति समर्थन व्यक्त किया। साथ ही, उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध में रूस के सभी कदमों का बिना शर्त समर्थन करने की घोषणा की। दोनों देशों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर उनके विचार समान हैं और रणनीतिक संवाद को मज़बूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे। लावरोव शुक्रवार को एक निजी विमान से उत्तर कोरिया के वोनसान शहर पहुँचे, जहाँ उन्होंने नवनिर्मित कलमा बीच रिज़ॉर्ट में किम और चोई से मुलाकात की।
विशेषज्ञों की मानें तो दो तानशाहों का ये मेल ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। उत्तर कोरिया से पूर्व में अमेरिका के संबंध उतने अच्छे नहीं रहे हैं ख़ास तौर पर ट्रंप के कार्यकाल में। इधर रूस से ट्रंप ने ज़रूर नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की थी। लेकिन इस स्थिति में ट्रंप के लिए ये समीकरण साधना आसान नहीं होगा। इसके अलावा नाटो देशों के लिए भी यह समीकरण टेंशन देने वाला है।

