Nepal New Note Controversy: नेपाल के केंद्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने हाल ही में नया 100 रुपये का नोट जारी किया है, जिसमें नेपाल का वह संशोधित राजनीतिक नक्शा शामिल है जिसे मई 2020 में नेपाल सरकार ने आधिकारिक रूप से अपनाया था. इस नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के अभिन्न हिस्सों के रूप में दिखाया गया है. यह वही क्षेत्र हैं जिन पर भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है. भारत इस चित्रण पर आपत्ति जताता रहा है और इन्हें अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है.
क्या है नेपाल के नए नोट में?
नए 100 रुपये के नोट पर नेपाल राष्ट्र बैंक के पूर्व गवर्नर महाप्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और इस पर जारी करने की तारीख 2081 विक्रम संवत (2024 ईस्वी) अंकित है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि पुराने नोट में भी नेपाल का नक्शा मौजूद था, लेकिन वर्ष 2020 में हुए राजनीतिक फैसले के बाद बैंक को पुराने नक्शे को बदलकर नया डिज़ाइन अपनाना पड़ा. इसी क्रम में 100 रुपये का नया नोट संशोधित नक्शे के साथ जारी किया गया है. बैंक की योजना के अनुसार 10, 50, 500 और 1000 रुपये के नोटों पर भी यह संशोधित नक्शा शामिल किया जाएगा.
इस देश की राजधानी बनी दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर, क्या है वजह? कभी था हिंदुओं का राज
कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को लेकर विवाद
इस नक्शे का विवाद मई 2020 में तब शुरू हुआ था जब नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया. इस नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल की सीमाओं में दिखाया गया, जिसे बाद में नेपाल की संसद ने भी सर्वसम्मति से मंज़ूरी दे दी. नेपाल का दावा है कि ये क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से उसके रहे हैं और प्रशासनिक दस्तावेज भी इसे प्रमाणित करते हैं. दूसरी ओर भारत मानता है कि 1816 की सुगौली संधि के आधार पर ये क्षेत्र उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं.
इन इलाकों को लेकर भारत अपनी बातों पर अडिग
भारत ने 2020 में ही इस कदम पर कड़ा विरोध जताया था. भारत ने नेपाल के एकतरफा निर्णय को स्वीकार न करने की बात कही और कहा कि इस तरह नक्शे का विस्तार करना वास्तविक भू-राजनीतिक स्थिति को नज़रअंदाज़ करता है. भारत का यह भी कहना है कि इन क्षेत्रों पर उसका प्रशासनिक नियंत्रण रहा है और वे उसकी संप्रभुता के हिस्से हैं.
नया नोट जारी करने के बाद दोनों देश आमने-सामने
नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा जारी नया नोट इस विवाद को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय कर देता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम नेपाल की राजनीतिक स्थिति और उसकी राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा है, जबकि भारत इस प्रकार के प्रतीकों को संवेदनशील मानता है क्योंकि वे सीमा विवादों को और गहरा कर सकते हैं. इसके बावजूद नेपाल ने स्पष्ट किया है कि वह सरकारी फैसले के अनुरूप ही अपनी मुद्रा में संशोधित नक्शे का उपयोग जारी रखेगा.
अब तोरई से मिलेगा फाइटर जेट को सुरक्षा कवच, इस देश ने ढूंढ निकाली नई तकनीक, यहां जानें सारी डिटेल्स

