Jaishankar on Pahalgam Terror Attack: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को आर्थिक हमला बताया है। उन्होंने कहा कि इस हमले का मकसद कश्मीर में पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था। जयशंकर ने साफ कहा कि भले ही भारत को परमाणु हमले की धमकी दी जाए, लेकिन पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई बंद नहीं होगी। न्यूयॉर्क में न्यूजवीक से बातचीत में एस जयशंकर ने कहा कि यह हमला सिर्फ लोगों को डराने के लिए नहीं किया गया, बल्कि कश्मीर के लिए आय का सबसे बड़ा स्रोत पर्यटन को खत्म करने की मंशा से किया गया। विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को गलत बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने व्यापार समझौते पर दबाव बनाकर भारत और पाकिस्तान को युद्ध विराम के लिए मजबूर किया।
जयशंकर ने कही ये बात
जयशंकर ने कहा, “जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फोन पर बात की, तब मैं खुद प्रधानमंत्री मोदी के साथ था। उस बातचीत में व्यापार समझौते का कोई जिक्र नहीं था।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ खड़ा रहेगा और कोई भी धमकी या दबाव हमें रोक नहीं सकता। विदेश मंत्री ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि 9 मई 2025 की रात को जब पाकिस्तान ने भारत पर बड़े हमले की चेतावनी दी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी दबाव या डर को नजरअंदाज करते हुए कड़ा रुख अपनाया।
भारतीय सेना ने मजबूती से दिया जवाब
एस. जयशंकर ने कहा, “जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी से बात की और बताया कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने जा रहा है, तब मैं कमरे में ही था, लेकिन हमने कुछ शर्तें मानने से इनकार कर दिया और प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की धमकी की बिल्कुल भी परवाह नहीं की।” उन्होंने आगे कहा, “इसके विपरीत, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि भारत निश्चित रूप से जवाब देगा।” जयशंकर ने बातचीत में बताया कि पाकिस्तान ने उसी रात भारत पर हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत और मजबूती से जवाब दिया।
पाकिस्तान के युद्धविराम प्रस्ताव पर जयशंकर ने कही ये बात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका से बातचीत और पाकिस्तान के युद्धविराम प्रस्ताव को लेकर भी बड़ा बयान दिया। न्यूयॉर्क में न्यूजवीक के सीईओ देव प्रगद के साथ फायरसाइड चैट में जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत पर किए गए आतंकी हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया पूरी तरह से आत्मनिर्भर और ठोस थी। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत हुई थी, जिसमें रुबियो ने कहा था कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। उसी दिन दोपहर में पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने सीधे भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया और युद्धविराम की अपील की।
पहलगाम आतंकी हमले पर कही ये बात
विदेश मंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बारे में कहा, “यह एक आर्थिक युद्ध की तरह था, जिसका उद्देश्य कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन को तोड़ना था। साथ ही लोगों से उनकी आस्था के बारे में पूछकर उनकी हत्या करना धार्मिक हिंसा भड़काने का प्रयास था।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से सालों से आतंकवाद चल रहा है, लेकिन इस बार देश को लगा कि अब बहुत हो गया।

