Qatar: पिछले हफ़्ते क़तर की राजधानी दोहा में हुए इजरायल हमले ने ऐसी आग भड़का दी है कि आज 50 इस्लामी देशों के नेता इकट्ठा होने वाले है. दोहा में ही यह जुटाने वाला है, जिसमें इजरायल के ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है. इसके अलावा, इस महीने के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीन को एक अलग देश के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव लाने की तैयारी है. अभी तक लगभग 150 देश इसे मान्यता देते हैं और इस्लामी देश चाहेंगे कि दुनिया के सभी देश इसे मान्यता दें. अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल ग़ैत ने कहा कि हमारा जमावड़ा इसलिए है ताकि दुनिया को यह संदेश जाए कि क़तर अकेला नहीं है.
क़तर के प्रधानमंत्री ने क्या कहां?
वहीं, क़तर के प्रधानमंत्री शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने कहा कि भले ही इजरायल ने हमला किया है और उसे जवाब भी मिलेगा. लेकिन इस हमले के बाद भी गाजा में जारी जंग में मध्यस्थता के हमारे प्रयास समाप्त नहीं होंगे. अमेरिका और मिस्र के साथ मिलकर हम मध्यस्थता के प्रयास जारी रखेंगे. इसके अलावा, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजरायल को सज़ा देने के लिए एकजुट होने को कहा. इस मामले में दोहरा मापदंड अपनाना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यही समय है जब पूरी दुनिया को इज़राइल के खिलाफ एकजुट होना चाहिए.
50 देशों के नेता पहुंचेगे
उन्होंने कहा कि इजरायल को पता होना चाहिए कि हमारे भाइयों की लगातार मारने का क्या नतीजा हो सकता है. उसे पता होना चाहिए कि युद्ध छेड़ने की क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि हमारे फ़िलिस्तीनी भाइयों को उनकी ज़मीन से बेदखल करने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी. इस समय इस्लामिक सहयोग संगठन के बैनर तले आने वाले दुनिया के 57 में से 50 देशों के नेता पहुंच रहे हैं. इस बैठक में पाकिस्तान भी काफ़ी सक्रिय है. कतर पर हमले के तुरंत बाद उसने एकजुटता दिखाई और इस्लामी दुनिया से जवाब देने की अपील की. उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ख़ुद इस बैठक के आयोजन में सक्रिय हैं.
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इस बैठक में यह मुद्दा भी उठ सकता है कि इजरायल ने पूरे गाज़ा पर कब्ज़ा करने की योजना कैसे बनाई है. इसके अलावा उसकी नज़र पश्चिमी तट पर भी है. डिप्लोमैट्स का कहना है कि इस बैठक में कम से कम 50 देशों के नेता मौजूद रहेंगे. इसमें संयुक्त राष्ट्र के मंच से फ़िलिस्तीन को मान्यता दिलाने का प्रस्ताव लाने पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा इजरायल को उसके किये की सजा मिलनी चाहिए.

