Pakistan Political Crisis: हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के इतिहास पर नज़र डालें तो सेना का राजनीति से गहरा नाता रहा है। इसी के चलते पाकिस्तान में कई बार सैन्य तख्तापलट हुए हैं और पुरानी सरकार को हटाकर सेना का शासन स्थापित किया गया है। अब इसी कड़ी में एक बार फिर पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट की खबर सामने आई है। इन खबरों में दावा किया जा रहा है कि फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर तख्तापलट कर सकते हैं।
दावा किया जा रहा है कि अब उनकी नज़र राष्ट्रपति की कुर्सी पर है और वह आसिफ अली जरदारी को हटाकर पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बनना चाहते हैं। इन सबके बीच, खुद असीम मुनीर ने इन दावों पर प्रतिक्रिया दी है।
तख्तापलट के दावों को लेकर क्या बोले मुनीर?
एक पाकिस्तानी अख़बार में प्रकाशित कॉलम में, सुहैल वराइच ने खुलासा किया कि उन्होंने हाल ही में ब्रुसेल्स में आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। उन्होंने लिखा, “मुनीर ने साफ तौर पर कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं। इसके पीछे वही तत्व हैं जो सरकार और सत्ता दोनों का विरोध करते हैं और देश में राजनीतिक अराजकता फैलाना चाहते हैं। मुनीर ने यह भी कहा कि उन्हें देश का रक्षक होने पर गर्व है और उन्हें किसी अन्य राजनीतिक पद में कोई दिलचस्पी नहीं है।”
अमेरिका-चीन के साथ पाक रिश्ते
इसके अलावा, आसिम मुनीर ने अमेरिका और चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर भी बयान दिया। मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका और चीन, दोनों के साथ संतुलन बनाए रखेगा और एक दोस्त की खातिर दूसरे दोस्त की बलि नहीं देगा। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों को सच्चा बताया और दावा किया कि पाकिस्तान ने ही ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की पहल की थी।
असीम मुनीर ने खुद को दिया हिलाल-ए-जुरात सम्मान
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के हाथों करारी हार के बाद, आत्म-मुग्धता का एक विचित्र प्रदर्शन करते हुए, खुद को दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान, हिलाल-ए-जुरात, से सम्मानित किया।
शक्तिशाली भारतीय सशस्त्र बलों के हमले के खिलाफ अपने ठिकानों और सैन्य ढाँचों की रक्षा करने में भी नाकाम रहने के बाद, असीम मुनीर के इस आत्म-सम्मानित कदम की सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ाई गई, जहाँ यूजर्स ने उन्हें बेरहमी से ट्रोल किया और ढेरों मीम्स बनाए।

