Grand Egyptian Museum: इतिहास के पन्नों में एक अलग स्थान रखने वाले मिस्र दुनिया का सबसे पुराना देश है. करीब 3100 ईसा पूर्व राजा मेनिस ने ऊपरी और निचले मिस्र को एकीकृत किया था. मिस्र की पहचान है उसके फराओ, पिरामिड और हीरोग्लिफिक लेखन प्रणाली. 5,000 साल पुराना यह देश दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिना जाता है. नील नदी के किनारे बसा मिस्र आज भी अपनी मिट्टी में इतिहास की खुशबू समेटे है. यह धरती कहती है कि मैं सभ्यता की मां हूं.
मिस्र ने बनाया नया भव्य संग्रहालय
मिस्र एक बार फिर अपनी प्राचीन सभ्यता से दुनिया को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार है. काहिरा के बाहर गीजा के प्रसिद्ध पिरामिडों के पास एक नया भव्य संग्रहालय बनाया गया है, जिसे ‘ग्रैंड इजिप्टियन म्यूज़ियम (GEM)’ नाम दिया गया है. इसे आधुनिक युग का सबसे भव्य सांस्कृतिक केंद्र बताया जा रहा है. यह स्थान अब केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि मिस्र की हजारों साल पुरानी विरासत को जानने का केंद्र भी बन गया है. कहा जाता है कि यह संग्रहालय गीज़ा का चौथा पिरामिड बन गया है.
यह भी पढ़ें :-
“Queen Of Serial Killers”, 33 साल की महिला किलर की खौफनाक कहानी, जिसे देखकर दर्शक हुए हैरान!
1 लाख से ज्यादा प्राचीन कलाकृतियों को किया जाएगा प्रदर्शित
ग्रैंड इजिप्टियन म्यूज़ियम 24,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बना है, जो इसे 21वीं सदी की सबसे बड़ी सांस्कृतिक इमारत बनाता है. यहां मिस्र के 30 राजवंशों की लगभग 1,00,000 प्राचीन कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इन वस्तुओं में मूर्तियां, आभूषण, ताबूत और अन्य ऐतिहासिक धरोहरें शामिल हैं. मिस्र के अधिकारी इसे सिर्फ एक संग्रहालय ही नहीं, बल्कि इतिहास का एक जीवंत दस्तावेज़ बता रहे हैं, जहां आगंतुक 5,000 साल पुरानी सभ्यता का करीब से अनुभव कर सकते हैं.
1 अरब डॉलर से बनकर तैयार हुआ म्यूजियम
इस संग्रहालय का निर्माण एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा थी. 1 अरब डॉलर की लागत वाली इस भव्य परियोजना को पूरा होने में 20 साल से ज्यादा का समय लगा. अब यह मिस्र का एक आधुनिक स्थल बन गया है. अनुमान है कि हर साल 50 लाख से ज़्यादा पर्यटक इस संग्रहालय को देखने आते हैं. संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर रामेसेस द ग्रेट की 11 मीटर ऊंची ग्रेनाइट की मूर्ति हर आगंतुक का स्वागत करती है. यह वही फिरौन है जो मिस्र के इतिहास के सबसे महान राजा थे.
संग्रहालय का प्रमुख आकर्षण क्या होगा?
संग्रहालय की सबसे प्रमुख गैलरी मिस्र के सबसे प्रसिद्ध बाल राजा तूतनखामुन को समर्पित है. उनके संग्रह की 5,000 से ज्यादा कलाकृतियां यहां रखी गई हैं. जिनमें उनका सुनहरा ताबूत और मुखौटा भी शामिल है. शोध से पता चला है कि 19 साल की उम्र में मलेरिया और हड्डी रोग से उनकी मृत्यु हो गई थी. अब, उनकी विरासत संग्रहालय में आने वाले लाखों दर्शकों को मिस्र की प्राचीन समृद्धि की याद दिलाएगी.
यह भी पढ़ें :-

