Kashmir Issue In UNSC: भारत के पड़ोसी देश और कट्टर दुश्मन पाकिस्तान के सिर से कश्मीर का भूत उतरने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसी कड़ी में नई चाल चलते हुए पाक कश्मीर के मुद्दे को वैश्विक विवादों की लिस्ट में शामिल कराना चाहता है, जबकि भारत इसे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक महीने की अध्यक्षता सौंपी गई थी, जो अब खत्म होने वाली है।
कश्मीर मुद्दे को लेकर पाक की नई चाल
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक खुली बहस आयोजित करने जा रहा है, जिसमें वह वैश्विक विवादों पर चर्चा करेगा। उसकी पूरी कोशिश है कि किसी तरह कश्मीर का मुद्दा भी इसमें शामिल हो जाए। सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VI के अंतर्गत होगा, जिसमें मध्यस्थता या अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को सुलझाने पर ज़ोर दिया गया है।
UN में करना क्या चाहता है पाक?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान इस बहस के बाद एक प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहा है। जिसमें सभी सदस्य देशों से दुनिया में चल रहे संघर्षों को राष्ट्रों से अलग करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तंत्रों का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया जाएगा। इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, क्योंकि स्थायी बोर्ड की ओर से वीटो का खतरा है। यूएनएससी के प्रस्ताव को कम से कम 9 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है और किसी भी स्थायी सदस्य की ओर से वीटो नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 22 जुलाई को न्यूयॉर्क आएंगे और अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी इस बैठक में शामिल होने वाले हैं।
भारत हर चाल को करेगा विफल!
UN में भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन का पाक को लेकर कहना है कि यह प्रस्ताव सामान्य सिद्धांतों पर आधारित होगा ताकि किसी भी सदस्य देश की आपत्तियों से बचा जा सके। पाकिस्तान यह भी जानता है कि चीन को छोड़कर अन्य स्थायी सदस्य कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानते हैं।
इसके अलावा पाकिस्तान 5 मई को होने वाली इस खुली बहस की अपनी अध्यक्षता के दौरान संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक सहयोग संगठन के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की भी कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि ओआईसी में 57 सदस्य हैं और वे पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।

