BRICS condemns Pahalgam attack:पीएम मोदी इस समय पांच देशों के दौरे पर हैं। इसी बीच पीएम मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत की एक बड़ी जीत हुई है। जिसे सुन आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान को झटका लग सकता है। बता दें क्वाड के बाद अब ब्रिक्स समूह ने रविवार को पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के प्रति “शून्य सहनशीलता” दृष्टिकोण अपनाने तथा इससे निपटने में दोहरे मापदंड से बचने के भारत के रुख को दोहराया। ब्राजील के इस तटीय शहर में समूह के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन, ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही सहित आतंकवाद से निपटने के लिए अपना दृढ़ संकल्प स्पष्ट किया।
ब्रिक्स नेताओं ने ‘रियो डी जेनेरो घोषणा’ जारी की, जिसमें आतंकवाद के खतरे, पश्चिम एशिया की स्थिति तथा व्यापार एवं शुल्क से संबंधित मुद्दों सहित कई महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर समूह के रुख को दर्शाया गया।
आतंकवाद से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। अपने घोषणापत्र में ब्रिक्स नेताओं ने कहा कि हम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। ब्रिक्स ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवाद के वित्तपोषण तथा आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने सहित सभी रूपों में आतंकवाद से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
ब्रिक्स घोषणापत्र में क्या कहा गया ?
ब्रिक्स घोषणापत्र में कहा गया है कि हम आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति सुनिश्चित करने और आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करने का आग्रह करते हैं। इसमें कहा गया है कि हम आतंकवाद का मुकाबला करने में देशों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर जोर देते हैं और उन्हें आतंकवादी खतरों को रोकने और उनका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई
ब्रिक्स ने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित सभी आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। समूह के नेताओं ने एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों में वृद्धि के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसे टैरिफ पर अमेरिकी नीति के अप्रत्यक्ष संदर्भ के रूप में देखा गया।
ब्रिक्स ने दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे संघर्षों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में ‘ध्रुवीकरण और विखंडन’ की मौजूदा स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि हम कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता दोहराते हैं।

