Donal Trump: अमेरिका से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल, अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की नई ग्रूमिंग नीति ने सिखों, मुसलमानों और यहूदियों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों में बवाल मचा दिया है. अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है. जारी किए गए ज्ञापन में सैन्य दाढ़ी रखने की छूट को लगभग समाप्त कर दिया गया है, जिससे धार्मिक आधार पर दाढ़ी रखने वाले सैनिकों की सेवा पर खतरा मंडरा रहा है.
जानिये पूरा मामला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 30 सितंबर को, मरीन कॉर्प्स बेस क्वांटिको में 800 से ज़्यादा वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए, हेगसेथ ने दाढ़ी जैसी “सतही व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों” को समाप्त करने की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पास नॉर्डिक पैगन्स की कोई सेना नहीं है.उनके भाषण के कुछ ही घंटों बाद, पेंटागन ने सभी सैन्य शाखाओं को एक निर्देश जारी किया, जिसमें 60 दिनों के अंदर-अंदर धार्मिक छूट सहित दाढ़ी संबंधी छूटों को समाप्त करने का आदेश दिया गया. यह नीति विशेष बलों के जवानों को स्थानीय आबादी में घुलने-मिलने में मदद करने के लिए दी गई अस्थायी छूटों को छोड़कर बाकी सभी पर लागू होगी.
पहले दी छूट फिर…
वहीं 2017 में, सेना ने निर्देश 2017-03 के मुताबिक सिख सैनिकों के लिए दाढ़ी और पगड़ी की छूट दी थी. ऐसे ही मुस्लिम, रूढ़िवादी यहूदी और नॉर्स पैगन सैनिकों को भी धार्मिक छूट थी. वो लोग दाढ़ी भी रख सकते थे और पगड़ी भी पहन सकते थे. वहीं जुलाई 2025 में, सेना ने अपनी चेहरे के बाल नीति को अद्यतन किया, लेकिन धार्मिक छूट को बरकरार रखा. वहीं, अब नई निति के मुताबिक दुबारा पाबंदी लगा दी गई है.
भड़क उठा सिख समुदाय
वहीं आपको बताते चलें कि अमेरिकी सेना में सिखों के अधिकारों के लिए अग्रणी वकालत करने वाले संगठन, सिख कोलिशन ने हेगसेथ की टिप्पणियों पर गुस्सा और नाराजगी जताई है. संगठन का कहना है कि सिखों का केश उनकी पहचान का अहम हिस्सा है, और यह नीति समावेशिता के लिए सालों से लड़ी जा रही लड़ाई को धोखा देती है. इस दौरान एक सिख सैनिक ने एक्स पर लिखा कि मेरा केश ही मेरी पहचान है. समावेशिता के लिए लड़ने के बाद यह विश्वासघात जैसा लगता है.
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