Trump Putin Alaska Meeting: पूरी दुनिया की नज़रें इस समय अमेरिका के अलास्का राज्य पर टिकी हैं, जहाँ दुनिया के दो सबसे ताकतवर नेता मिलने वाले हैं। यहाँ हम बात कर रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की। दोनों अलास्का राज्य के एंकोरेज शहर में मिलने वाले हैं। इसके लिए पूरे शहर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है।
सुरक्षा का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस मुलाकात के मद्देनज़र अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने स्थानीय रियल एस्टेट एजेंटों और होटल मालिकों को फ़ोन किया, ताकि सैकड़ों एजेंटों और अधिकारियों के ठहरने का इंतज़ाम किया जा सके।
सीक्रेट सर्विस ने संभाला मोर्चा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप-पुतिन की मुलाकात से पहले सीक्रेट सर्विस प्रोपर्टी डिलर्स को कॉल कर रही है। लेकिन ज्यादातर शॉर्ट-टर्म रेंटल प्रोपर्टी पहले ही सैलानियों ने एडवांस्ड बुक किए हुए हैं। इसके चलते कुछ अधिकारियों को एक ही घर में जगह दी गई है।
सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद
खबरों के मुताबिक, सुरक्षा व्यवस्था एक हफ्ते पहले ही शुरू हो गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। दोनों के चारों ओर भारी हथियारों से लैस सुरक्षा घेरा होगा, जहाँ परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
इसके अलावा, राजनयिक प्रोटोकॉल के तहत दोनों तरफ की एजेंसियों को समान स्तर की सुविधाएँ दी जा रही हैं। यहाँ, अगर एक कमरे के बाहर 10 अमेरिकी एजेंट तैनात होंगे, तो दूसरी तरफ 10 रूसी एजेंट तैनात होंगे। दोनों पक्ष अपने-अपने वाहन, और जरूरी सामान लेकर आए हैं।
यहाँ तक कि नेताओं की आवाजाही को भी इस तरह से तैयार किया गया है कि वो एक-दूसरे के संपर्क में न आएं और उनकी सुरक्षा में भी कोई बाधा न आए।
होटल और गाड़ियों की भारी कमी
अलास्का के गवर्नर माइक डनलेवी ने ब्लूमबर्ग को बताया कि जिस समय दुनिया के दो शीर्ष और सबसे शक्तिशाली नेता मिल रहे हैं, उस वक्त यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आए हुए हैं। इस वजह से, इस वक्त यहाँ होटलों और वाहनों, दोनों की भारी कमी है। लेकिन बेस पर बैठक होने से कई समस्याओं का समाधान हो गया।
इसके अलावा इस बैठक के लिए अलास्का के एंकोरेज में होटल पूरी तरह से भर गए हैं, किराये की कार कंपनियों के लॉट्स खाली करा दिए गए हैं ताकि दोनों राष्ट्रपतियों के काफिले के लिए जगह बनाई जा सके।
आपको बता दें कि ट्रंप-पुतिन की यह मुलाक़ात रूस से लगभग 1,000 मील दूर स्थित सैन्य अड्डे, ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हो रही है। यह बेस शीत युद्ध के दौरान एक प्रमुख निगरानी केंद्र रहा है और आज भी रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।

