Socio Economic and Self-Confidence: यह तो सभी जानते हैं कि प्यार हमेशा तो रोमांटिक नहीं हो सकता है. प्यार में सामाजिक और आर्थिक परेशानियों हर किसी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है. जैसा कि Reddit पर ‘My boyfriend deserves better’ पोस्ट में कॉलेज फ्रेशर की कहानी से यह साफ हो जाता है कि दो व्यक्तियों के बीच के रिश्ते की नहीं, बल्कि समाज की गहरी सोच और व्यक्तिगत असुरक्षा भी बड़ी चुनौती बन सकती है.
लड़की की दुविधा है स्वाभाविक
दरअसल, यहां लड़की की दुविधा स्वाभाविक है. एक तरफ उसका आत्मविश्वास है जो उसके बॉयफ्रेंड के ‘लंबा, स्मार्ट, आत्मविश्वासी’ और बेहद संपन्न बैकग्राउंड के सामने फीका पड़ जाता है. तो वहीं, दूसरी तरफ उसका बॉयफ्रेंड जो ‘कभी अमीर या घमंडी जैसा बर्ताव नहीं करता’ और हर बार रिश्ता तोड़ने की कोशिश को रोककर अपने सच्चे प्यार को साबित करने की पूरी कोशिश करता है. इससे एक बात ज़रूर साफ है कि उस लड़के के लिए, लड़की का सामाजिक या फिर किसी तरह कै आर्थिक स्टेटस मायने नहीं रखता है उसका व्यक्तित्व और उससे उसका भावनात्मक जुड़ाव ही हमेशा के लिए मायने रखता है.
वो जैसे किसी फिल्म का है हीरो
यहां लड़की का यह महसूस करती है कि ‘वो जैसे किसी फिल्म का हीरो है और मैं बस बैकग्राउंड की कोई एक्स्ट्रा’ उसकी अपनी कम आत्म-मूल्य (Low Self-Worth) को दर्शाती है. असली समस्या लड़की के मन में बैठ यह डर है कि क्या वह उस लड़के के ‘लायक’ है या नहीं, और क्या उसका परिवार कभी उसे स्वीकार कर पाएगा या फिर नहीं.
सलाह के तौर पर, उसे ये कदम उठाने चाहिए
1. लड़की को खुद पर करना चाहिए विश्वास
लड़की को यह समझना ज़रूरी है कि उसका बॉयफ्रेंड उससे बेहद ही प्यार करता है क्योंकि वह ‘जैसी है’ वैसी उसे उसी रूप में पसंद करता है. सुंदरता या संपन्नता से ज्यादा, रिश्ता दो लोगों की भावनात्मक संगतता और सम्मान पर टिका होता है. उसे अपनी तुलना उससे करना हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए.
2. लड़की को खुल कर करनी चाहिए बात
उसे अपनी असुरक्षाओं को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में अपने बॉयफ्रेंड से खुलकर बात करनी चाहिए. यह देखना चाहिए कि वह इन चुनौतियों को कैसे देखता है और उनका सामना करने के लिए वह क्या सोचता है, खुल बात करने से उसे सारे समाधान का हल हो सकता है.
3. भविष्य की योजनाओं के बारे में विचार ज़रूरी
अगर दोनों का प्यार सच्चा है, तो उन्हें मिलकर इस सामाजिक अंतर को निपटने के तरीके खोजने चाहिए. दोनों को यह स्वीकार करना होगा कि उनके लिए परिवार की स्वीकृति एक लंबी लड़ाई हो सकती है, जिसके लिए दोनों को तैयार रहना बेहद ही ज़रूरी है.
रिश्ता कहां तक टिकेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों एक-दूसरे के प्रति कितने समर्पित हैं, और इन चुनौतियों का सामना कैसे कर सकते हैं.
अगर लड़का ‘सच में प्यार करता है’, तो लड़की को भी खुद को साधारण या फिर बदसूरत महसूस करने के बजाय उस प्यार को स्वीकार करके, एक आत्मविश्वासी पार्टनर की तरह रिश्ते में आगे बढ़ना चाहिए.

