Rajajipuram Bridge Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निर्माण कार्य के नाम पर एक बार फिर अधिकारियों की अजीबोगरीब लापरवाही सामने आई है। केसरी खेड़ा पुल के अधूरे निर्माण के मामले में किरकिरी कराने के बाद अब राजाजीपुरम का पुल भी चर्चा का विषय बन गया है। 7 खंभों पर हवा में खड़ा यह आधा-अधूरा पुल कहाँ से शुरू होगा और कहाँ खत्म होगा, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है।
रक्षा मंत्री ने किया था उद्घाटन
इस पुल को सरकार ने नवंबर 2023 में पास किया था, इसका निर्माण अक्टूबर 2024 में शुरू होना था, जिसका उद्घाटन देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने किया था। लेकिन पिछले 4 महीने यानी मार्च से इसका काम रुका हुआ है। जिसके पीछे की वजह अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है। राजाजीपुरम को पारा इलाके से जोड़ने वाला यह पुल जलालपुर रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर बना है। पुल की कुल लंबाई 857 मीटर है, जिसे 153 करोड़ में बनाया जाना है, लेकिन अभी तक यह पुल लगभग 168 मीटर ही बन पाया है।
रेलवे लाइन पार करने के बाद पारा क्षेत्र में इस पुल के दायरे में लगभग 85 घर आ रहे हैं, जिनमें 300 से ज़्यादा लोग रहते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुल निर्माण से पहले इस ज़मीन का सेतु निगम द्वारा अधिग्रहण नहीं किया गया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भवन स्वामियों से किसी भी तरह के मुआवज़े की बात तक नहीं की।
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल पिछले कई महीनों से अधूरा पड़ा है, लगभग 5 लाख की आबादी प्रभावित है और फाटक बंद होने के कारण घंटों जाम लगा रहता है। लापरवाह अधिकारियों ने पुल निर्माण के बजट के लालच में आनन-फानन में काम तो शुरू कर दिया, लेकिन उससे पहले न तो ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की और न ही स्थानीय लोगों के साथ मुआवज़े पर सहमति बना पाए। ऐसे में आम जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी की ये तस्वीरें विभाग और प्रशासन का मज़ाक उड़ा रही हैं।

