Mughal Harem Dark Secrets: इतिहास के पन्ने जब-जब पलटे जाते हैं तब-तब मुगल साम्राज्य और उसकी शान और शौकत के चर्चे होते हैं. मुगलों के किलों औऱ हरम के किस्से तो हर दिन ही सुनने को मिलते हैं. लेकिन, मुगलों की असली शान के बारे में उनके उत्सव और जन्मदिन बताते हैं. जी हां, मुगल बादशाह अपना और शहजादों का जन्मदिन किसी पर्व से कम नहीं मनाते थे. देश-विदेश से महंगे तोहफे और जेवर तो आते ही थे, साथ ही मेहमानों का तांता लग जाता था और कई दिनों तक मनोरंजन कार्यक्रम चलते थे.
मुगल बादशाह कैसे मनाते थे जन्मदिन?
कई इतिहासकारों ने मुगलों की शान के बारे में अपनी किताबों में बताया है, जिनमें से एक इतिहासकार किशोरी शरण लाल भी रहे हैं. उन्होंने अपनी किताब The Mughal Harem में जिक्र किया है कि मुगल बादशाह का उनके जन्मदिन पर वजन और लंबाई नापी जाती थी. इसके बाद वजन के अनुसार दान किया जाता था.
अंग्रेज लेखक एडवर्ड टेरी ने भी मुगल बादशाह के जन्मदिन के बारे में लिखा है. उनका कहना है कि जहांगीर का हर साल वजन लिया जाता था और उसके हकीम उसका हिसाब रखते थे. जिससे उसकी शारीरिक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके. वहीं, एक अन्य इतिहासकार सर थॉमस ने लिखा है और बताया है कि वह बादशाह के वजन समारोह में गया था. वहां उन्हें एक बगीचे में ले जाया गया, तराजू तैयार किया गया.
बादशाह को सोने-जेवरों में जाता था तौला!
वहां मुहरें, सोनी की भारी-भरकम जंजीरें और कई सामान थे. सभी लोग कालीन पर बैठे थे और महिलाएं पर्दे के पीछे से नजारा देख रही थीं. बादशाह को पहले सोने और जेवरों से तौला गया, फिर महंगे कपड़ों से और आखिरी में आटा, मक्खन अनाज से तौला जाता गया था.
हरम की औरतें करती थीं मनोरंजन!
सर थॉमस ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि मुगल अक्सर ही ऐसी उत्सव मनाया करते थे. जहां संगीत, नृत्य और मनोरंजन हुआ करता था. साथ ही उन्होंने अपना एक अनुभव भी बताया था जिसमें उन्होंने कहा था, उन्होंने नूरजहां बेगम के महल में एक दावत रखी थी. जहां अमीर और दरबार के लोगों को बुलाया गया था. यहां शराब और भूने मांस के साथ महिलाओं को बुलाया गया था और रात तक समय बिताकर आनंद लिया था.

