Kanpur DSP Rishikant Shukla Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर के सबसे ज्यादा चर्चित 100 करोड़ की संपत्ति के मामले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है. जहां, निलंबित डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाने वाले पूर्व करीबी ने अब उनके खिलाफ कई नए सबूत पूरी तरह से पेश कर दिए है. आखिर क्या है पूरा मामला जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
100 करोड़ की संपत्ति और चौंकाने वाले खुलासे
उत्तर प्रदेश के कानपुर के चर्चित 100 करोड़ की संपत्ति के मामले में एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. दरअसल, निलंबित डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाने वाले पूर्व करीबी ने उनके खिलाफ अब और नए सबूत सभी के सामने पेश कर दिए हैं. मनोहर ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि अगर वह अपराधी था, तो फिर डीएसपी और उनका परिवार उसे अपने घर पर क्यों बुलाता था और निजी कार्यक्रमों में क्यों शामिल करता था ?
मनोहर ने मीडिया के सामने कई फोटे किए जारी
मनोहर ने सारे सबूतों के पेश करते हुए 0मीडिया के सामने कई फोटो और कॉल रिकॉर्ड अब जारी कर दिए हैं. तस्वीरों में वह डीएसपी शुक्ला, उनकी पत्नी और बेटे के साथ विभिन्न पारिवारिक समारोहों में साफ तौर से देखे जा सकते हैं. इस मामले में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह तस्वीरें रॉयल क्लिप होटल की हैं, जहां डीएसपी के बेटे का जन्मदिन मनाया गया था. साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि उस पार्टी का डेढ़ लाख रुपये का पूरा खर्च उन्होंने ही उठाया था.
उनकी पत्नी मुझे बार-बार क्यों करती थीं फोन ?
इसके अलावा उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि “अगर में सच में अपराधी था, तो उनकी पत्नी मुझे बार-बार फोन क्यों करती थीं ?” साथ ही उन्होंने कहा कि “मेरे साथ रेंट एग्रीमेंट किया?” इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि उनके और डीएसपी के बीच जमीन को लेकर एक कानूनी रेंट एग्रीमेंट भी किया गया था, जिसके दस्तावेज फिलहाल उनके पास मौजूद हैं.
एक जमीन से कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद ?
मनोहर ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरा विवाद दरअसल, एक ऐसी जमीन को लेकर शुरू हुआ जिसकी कीमत अब 60-70 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआती दिनों में दोनों ने दोस्ती के भरोसे पर निवेश किया, लेकिन जब जमीन की कीमत बढ़ी, तो डीएसपी ने कथित तौर पर दबाव बनाकर पूरी तरह से कब्जा कर लिया.
इतना ही नहीं उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे, तो डीएसपी ने उन्हें साफ तौर से धमकी दे डाली यह कहते हुए कहा कि “जो दिया है वहीं काफी है, ज़्यादा मांगा तो एनकाउंटर करवा दूंगा.”डर की वजह से मनोहर कुछ समय तक चुप रहे, लेकिन जब अन्य पीड़ितों की शिकायतें भी सामने आनी शुरू हो गई, तो उन्होंने पुलिस में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करादी.
शिकायत के बाद कार्रवाई में यूपी पुलिस
इस शिकायत के बाद शासन ने विजिलेंस जांच शुरू की, जिसमें अब तक डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला की 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संदिग्ध संपत्तियां सामने निकलकर सभी के सामने आ गई है. मनोहर का यह भी कहना है कि वह न्याय चाहते हैं और सच्चाई को सामने लाने के लिए किसी भी हद तक जाने की अपनी पूरी कोशिश भी करेंगे.
फिलहाल, यह मामला कानपुर पुलिस और विजिलेंस विभाग दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, क्योंकि आरोपों का दायरा अब सिर्फ भ्रष्टाचार तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत संबंधों और सत्ता के दुरुपयोग तक भी पहुंच गया है.

